
मध्यकालीन भारतीय इतिहास में मराठों का उत्थान एक महत्त्वपूर्ण घटना है। पंद्रहवीं से सत्तरहवीं शताब्दी तक के प्रबल सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों का प्रतिनिधित्व करते …
मध्यकालीन भारतीय इतिहास में मराठों का उत्थान एक महत्त्वपूर्ण घटना है। पंद्रहवीं से सत्तरहवीं शताब्दी तक के प्रबल सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों का प्रतिनिधित्व करते …
गांधीजी की भारत-वापसी गांधीजी 46 वर्ष की आयु में जनवरी 1915 में भारत वापस आये। उन्होंने पूरे एक वर्ष तक देश का भ्रमण किया। इस …
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में मोहनदास करमचंद गांधी के प्रवेश के साथ ही भारतीय राष्ट्रवाद के जनाधार और लोकप्रियता में अपार वृद्धि हुई, जिससे जन-राष्ट्रवाद …
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारत के राजनीतिक जीवन एवं सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए। जो भारतीय राजनीतिज्ञ क्रांतिकारी नहीं थे, उन्होंने अंग्रेज सरकार के …
गरमपंथी राजनीति की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति बंगाल विभाजन-विरोधी स्वदेशी आंदोलन में हुई, जो भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का एक महत्त्वपूर्ण अध्याय है। इस आंदोलन का दायरा काफी …
भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले अनेक राष्ट्रवादी क्रांतिकारी शरण की खोज, प्रेस कानूनों से मुक्त रहकर क्रांतिकारी साहित्य छापने की संभावना और शास्त्रास्त्रों …
क्रांतिकारी आंदोलन भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास का स्वर्णयुग है। बीसवीं शताब्दी के आरंभ में जब गरमपंथी राष्ट्रवादी स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा और निष्क्रिय प्रतिरोध …
बीसवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में कांग्रेस की कतारों से ही एक नये और युवा दल का उदय हुआ, जो पुराने नेताओं के आदर्श और …