मारवर्मन् सुंदर पांड्य के बाद पांड्य राजगद्दी पर जटावर्मन् सुंदर पांड्य प्रथम (1251-1270 ई.) आसीन हुआ। इसके समय में पांड्य शक्ति अपने चरम…
जटावर्मन् सुंदर पांड्य प्रथम (Jatavarman Sundara Pandyan I, 1251-1268 AD)
मारवर्मन् सुंदर पांड्य के बाद पांड्य राजगद्दी पर जटावर्मन् सुंदर पांड्य प्रथम (1251-1270 ई.) आसीन हुआ। इसके समय में पांड्य शक्ति अपने चरम…
चीन की सभ्यता (Chinese Civilization)
चीन की सभ्यता विश्व की प्राचीन सभ्यता है और संभवतः मिस्र, मेसोपोटामिया और सिंधु घाटी की सभ्यताओं से भी प्राचीन है। विश्व के…
लॉर्ड डलहौजी (Lord Dalhousie, 1848–1856)
लॉर्ड हार्डिंग के पश्चात् लॉर्ड डलहौजी, जिसे ‘अर्ल ऑफ़ डलहौज़ी’ भी कहा जाता था, 12 जनवरी, 1848 को भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त…
चोल राजवंश का राजनीतिक इतिहास (Political History of Chola Dynasty, 850-1279 AD)
सुदूर दक्षिण भारत के तमिल प्रदेश में प्राचीनकाल में जिन राजवंशों का उत्कर्ष हुआ, उनमें चोलों का विशिष्ट स्थान है। इनका प्राचीन राज्य…
राजेंद्र चोल तृतीय (Rajendra Chola III, 1246-1279 AD)
राजराज चोल तृतीय के शासनकाल के उपरांत 1246 ई. में राजेंद्र तृतीय चोल राजसिंहासन पर बैठा। संभवतः राजराज तृतीय ने 1246 ई. में…
राजराज चोल तृतीय (Rajaraja Chola III, 1216-1256 AD)
कुलोत्तुंग तृतीय की मृत्यु के पश्चात् राजराज चोल तृतीय 1218 ई. में चोल राजगद्दी पर बैठा, जो संभवतः कुलोत्तुंग का पुत्र था। कुलोत्तुंग…
कुलोत्तुंग चोल तृतीय (Kulottunga Chola III, 1178–1218 AD)
कुलोत्तुंग तृतीय ‘परकेशरिवर्मन’ चोल राजवंश का अंतिम महान शासक था, जिसने 1178 से 1218 ई. तक शासन किया। राजाधिराज द्वितीय ने अपने शासनकाल…
राजराज चोल द्वितीय (Rajaraja Chola II, 1146-1173 AD)
कुलोत्तुंग चोल द्वितीय के पश्चात् उसका पुत्र राजराज द्वितीय 1150 ई. में चोल गद्दी पर आसीन हुआ अैर 1173 ई. तक शासन किया।…
कुलोत्तुंग चोल द्वितीय (Kulottunga Chola II, 1135-1152 AD)
कुलोत्तुंग चोल द्वितीय, कुलोत्तुंग (प्रथम) का पौत्र और विक्रमचोल का पुत्र था। इसके पिता विक्रमचोल ने इसको 1133 ई. में ही युवराज बना…