
अठारहवीं शताब्दी में यूरोप में एक नवीन बौद्धिक लहर चली, जिसके फलस्वरूप जागृति के एक नये युग का सूत्रपात हुआ। तर्कवाद, अन्वेषणा की भावना, विज्ञान …
अठारहवीं शताब्दी में यूरोप में एक नवीन बौद्धिक लहर चली, जिसके फलस्वरूप जागृति के एक नये युग का सूत्रपात हुआ। तर्कवाद, अन्वेषणा की भावना, विज्ञान …
भारत में संवैधानिक विकास किसी भी शासन प्रणाली का यह प्रमुख कार्य होता है कि वह उसके शासकों के उद्देश्यों और लक्ष्यों की पूर्ति कर …
18वीं शताब्दी के अंतिम चरण में दूसरे आंग्ल-मैसूर युद्ध के दौरान हैदरअली मृत्यु और टीपू सुल्तान का राज्याभिषेक मैसूर की एक प्रमुख घटना है। हैदरअली …
हैदरअली और आंग्ल-मैसूर संबंध दक्षिण भारत में हैदराबाद के पास हैदरअली के अधीन मैसूर में एक महत्त्वपूर्ण सत्ता का उदय हुआ था। 1565 ई. में …
भारत सरकार अधिनियम 1909 भारतीयों के स्वशासन की माँग की पूर्ण करने में असमर्थ रहा था। 1905 के बाद भारत के राजनैतिक क्षेत्र में जो …
1892 के भारतीय परिषद् अधिनियम के सत्तरह वर्ष बाद एक और अधिनियम पारित किया गया, जिसे ‘1909 का भारतीय परिषद् अधिनियम’ कहते हैं। इस अधिनियम …
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की प्रकृति मूलतः पुरुष प्रधान थी और संभवतः यही कारण है कि राष्ट्रीय आंदोलन पर लिखी गई तमाम पुस्तकों, लेखों आदि में …
उन्नीसवीं सदी के अंतिम और बीसवीं सदी के आरंभिक वर्षों में ही भारत के विभिन्न क्षेत्रों में दलितों की बेहतरी और सामाजिक समानता के लिए …