राष्ट्रकूट शासक इंद्र तृतीय (Rashtrakuta Ruler Indra III, 914-928 AD)

इंद्र तृतीय (Indra III, 914-929 AD)

कृष्ण द्वितीय के पश्चात् उसका पौत्र इंद्र तृतीय (914-929 ई.) राजा बना, क्योंकि उसके करहद एवं देवली ताम्रपत्रों से पता चलता है कि उसके पुत्र …

राष्ट्रकूट शासक कृष्ण द्वितीय (Rashtrakuta Ruler Krishna II, 880-914 AD)

कृष्ण द्वितीय (Krishna II, 880-914 AD)

अमोघवर्ष के पश्चात् उसका पुत्र कृष्ण द्वितीय 880 ई. के लगभग राष्ट्रकूट राजगद्दी पर बैठा। उसने शुभतुंग तथा अकालवर्ष के साथ-साथ वल्लभराज, श्रीपृथ्वीवल्लभ, परमभट्टारक, महाराजाधिराज …

राष्ट्रकूट शासक शर्व ‘अमोघवर्ष’ प्रथम ((Rashtrakuta Ruler Sharva 'Aराष्ट्रकूट शासक कृष्ण द्वितीय (Rashtrakuta Ruler Krishna II, 880-914 AD)moghvarsha' I, 814-878 AD)

अमोघवर्ष प्रथम (Amoghvarsha I, 814-878 AD)

अमोघवर्ष’ प्रथम (814 ई.-878 ई.) गोविंद तृतीय की मृत्यु के पश्चात् उसका अल्पवयस्क पुत्र शर्व ‘अमोघवर्ष’ प्रथम 814 ई. में राष्ट्रकूट राज्य का उत्तराधिकारी हुआ। …

राष्ट्रकूट शासक गोविंद तृतीय (Rashtrakuta Ruler Govind III, 793-814 AD)

गोविंद तृतीय (Govind III, 793-814 AD)

गोविंद तृतीय ध्रुव प्रथम के कई पुत्र थे, जिनमें स्तंभ रणावलोक, कर्कसुवर्णवर्ष, गोविंद तृतीय तथा इंद्र के नाम स्पष्टतः मिलते हैं। उसके चारों पुत्र योग्य …

राष्ट्रकूट शासक ध्रुव ‘धारावर्ष’ (Rashtrakuta Ruler Dhruva 'Dharavarsha', 780-793 AD)

ध्रुव ‘धारावर्ष’ (Dhruva ‘Dharavarsha’, 780-793 AD)

अपने अग्रज गोविंद द्वितीय को अपदस्थ कर ध्रुव ने राष्ट्रकूट राजवंश की बागडोर सँभाली। ध्रुव के राज्यारोहण की तिथि का स्पष्ट ज्ञान नहीं है। जिनसेन …

राष्ट्रकूट शासक कृष्ण प्रथम (Rashtrakuta Ruler Krishna I, 756-774 AD)

कृष्ण प्रथम (Krishna I, 756-774 AD)

चित्तलदुर्ग से प्राप्त एक लेख के अनुसार दंतिदुर्ग के कोई पुत्र नही था और उसकी मृत्यु के पश्चात् उसका चाचा कृष्ण प्रथम 756 ई. के …

राष्ट्रकूट शासक दंतिदुर्ग (Rashtrakuta Ruler Dantidurga, 735-756 AD)

दंतिदुर्ग (Dantidurga, 735-756 AD)

इंद्र द्वितीय के बाद उसकी चालुक्यवंशीय पत्नी भवनागा से उत्पन पुत्र दंतिदुर्ग (735-756 ई.) राजा हुआ, जिसे राष्ट्रकूट राजवश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। …

गुर्जर प्रतिहार वंश (Gurjara Pratihara Dynasty)

गुर्जर प्रतिहार वंश (Gurjara Pratihara Dynasty)

हर्षोत्तरकाल में गुर्जरात्रा प्रदेश में प्रतिहार राजवंश का उदय हुआ, जो गुर्जरों की एक राजपूत शाखा से संबंधित होने के कारण ‘गुर्जर प्रतिहार’ के नाम …

जेजाकभुक्ति (बुंदेलखंड) के चंदेल (Chandelas of Jejakabhukti)

जेजाकभुक्ति (बुंदेलखंड) के चंदेल (Chandelas of Jejakabhukti)

प्रतिहार साम्राज्य के पतन के पश्चात् बुंदेलखंड के भूभाग पर चंदेल वंश के स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई। अभिलेखों में चंदेल शासकों को ‘जेजाकभुक्ति के …