कुलोत्तुंग चोल तृतीय (Kulottunga Chola III, 1178–1218 AD)

कुलोत्तुंग चोल तृतीय (1178-1218 ई.) कुलोत्तुंग तृतीय ‘परकेशरिवर्मन’ चोल राजवंश का अंतिम महान शासक था, जिसने 1178 से 1218 ई. तक शासन किया।…

राजराज चोल द्वितीय (Rajaraja Chola II, 1150-1173 AD)

राजराज द्वितीय (1150-1173 ई.) कुलोत्तुंग द्वितीय के पश्चात् उसका पुत्र राजराज द्वितीय 1150 ई. में चोल राजवंश की गद्दी पर बैठा। कुलोत्तुंग द्वितीय…

कुलोत्तुंग चोल द्वितीय (Kulottunga Chola II, 1135-1152 AD)

कुलोत्तुंग चोल द्वितीय (1135-1152) कुलोत्तुंग द्वितीय, कुलोत्तुंग (प्रथम) का पौत्र और विक्रमचोल का पुत्र था, जिसे 1133 ई. में ही युवराज बनाया गया…

राजेंद्रचोल द्वितीय (Rajendra chola II, 1052-1064 AD)

राजेंद्रचोल द्वितीय (1052-1064 ई.) राजेंद्रचोल द्वितीय (1052-1064 ई.) अपने भाई राजाधिराज (1044-1054 ई.) की कोप्पम् के युद्ध में मृत्यु के बाद चोल राजगद्दी…

विक्रमचोल (Vikram Chola, 1122-1135 AD)

विक्रमचोल (1122-1135 ई.) कुलोत्तुंग प्रथम की मृत्यु के बाद 1122 ई. में विक्रमचोल चोल राजसिंहासन पर बैठा, जिसे पुलिवेंदन कोलियार कुलपति उर्फ राजय्यार…

परांतक चोल द्वितीय (Parantaka Chola II, 957-973 AD)

परांतक चोल द्वितीय या सुंदरचोल (957-973 ई.) अरिंजय की मृत्यु (957 ई.) के बाद अन्विल ताम्रपत्र में उल्लिखित उसकी रानी वैदुम्ब राजकुमारी कल्याणी…

कुलोत्तुंग चोल प्रथम (Kulottunga Chola I, 1070-1122 AD)

कुलोत्तुंग चोल प्रथम (1070-1122 ई.) कुलोत्तुग (कुलोथुंग) प्रथम के सिंहासनारोहण से चोल इतिहास में एक नये युग का सूत्रपात हुआ। कलिंगत्तुप्परणि में कहा…