सुदूर दक्षिण भारत में तमिल प्रदेश के प्रारंभिक राजवंशों में चेरों और चोलों के बाद तीसरा राज्य पांड्यों का था, जो प्रारंभ में…
राजराज चोल द्वितीय (Rajaraja Chola II, 1146-1173 AD)
कुलोत्तुंग चोल द्वितीय के पश्चात् उसका पुत्र राजराज द्वितीय 1150 ई. में चोल गद्दी पर आसीन हुआ अैर 1173 ई. तक शासन किया।…
कुलोत्तुंग चोल द्वितीय (Kulottunga Chola II, 1135-1152 AD)
कुलोत्तुंग चोल द्वितीय, कुलोत्तुंग (प्रथम) का पौत्र और विक्रमचोल का पुत्र था। इसके पिता विक्रमचोल ने इसको 1133 ई. में ही युवराज बना…
राजेंद्र चोल द्वितीय (Rajendra chola II, 1052-1064 AD)
राजेंद्र चोल द्वितीय (1052-1064 ई.) अपने भाई राजाधिराज (1044-1054 ई.) की कोप्पम के युद्ध में मृत्यु के बाद चोल राजगद्दी पर बैठा। इसे…
विक्रम चोल (Vikram Chola, 1118-1135 AD)
कुलोत्तुंग चोल प्रथम की मृत्यु के बाद 1122 ई. में विक्रम चोल परकेसरीवर्मन राजसिंहासन पर बैठा, जिसे 1118 ई. में कुलोत्तुंग ( 1070-1120…
परांतक चोल द्वितीय (Parantaka Chola II, 957-973 ई.)
अरिंजय चोल की मृत्यु (957 ई.) के बाद अन्विल ताम्रपत्र के अनुसार उसकी रानी वैदुम्ब कबीले की राजकुमारी कल्याणी से उत्पन्न पुत्र परांतक…
कुलोत्तुंग चोल प्रथम (Kulottunga Chola I, 1070-1122 AD)
कुलोत्तुंग चोल प्रथम (कुलोथुंग) ने 1070 ई. से 1122 ई. तक चोल अधिराजेंद्र (1070 ई.) के बाद शासन किया। कुलोत्तुग के सिंहासनारोहण से…
वीरराजेंद्र चोल (Virarajendra Chola, 1063-1070 AD)
राजेंद्र चोल द्वितीय की मृत्यु के बाद उसका अनुज वीरराजेंद्र चोल 1063 ई. के लगभग चोल राजपीठ पर आसीन हुआ। यद्यपि राजेंद्र द्वितीय…
राजाधिराज चोल प्रथम (Rajadhiraja Chola I, 1044-1054 AD)
राजेंद्र चोल प्रथम के उत्तराधिकारी राजेंद्र चोल प्रथम के पश्चात् उसके पुत्रों- राजाधिराज, राजेंद्र तथा वीरराजेंद्र ने क्रमशः शासन किया और विस्तृत चोल…
राजेंद्र चोल प्रथम (Rajendra Chola I, 1014-1044 AD)
राजराज चोल प्रथम की मृत्यु के बाद उसकी कोडुंबलुर की राजकुमारी थिरिपुवना महादेवी से उत्पन्न पुत्र राजेंद्र चोल प्रथम 1014 ई. में औपचारिक…