मारवर्मन् सुंदर पांड्य के बाद पांड्य राजगद्दी पर जटावर्मन् सुंदर पांड्य प्रथम (1251-1270 ई.) आसीन हुआ। इसके समय में पांड्य शक्ति अपने चरम…
राजेंद्र चोल द्वितीय (Rajendra chola II, 1052-1064 AD)
राजेंद्र चोल द्वितीय (1052-1064 ई.) अपने भाई राजाधिराज (1044-1054 ई.) की कोप्पम के युद्ध में मृत्यु के बाद चोल राजगद्दी पर बैठा। इसे…
विक्रम चोल (Vikram Chola, 1118-1135 AD)
कुलोत्तुंग चोल प्रथम की मृत्यु के बाद 1122 ई. में विक्रम चोल परकेसरीवर्मन राजसिंहासन पर बैठा, जिसे 1118 ई. में कुलोत्तुंग ( 1070-1120…
परांतक चोल द्वितीय (Parantaka Chola II, 957-973 ई.)
अरिंजय चोल की मृत्यु (957 ई.) के बाद अन्विल ताम्रपत्र के अनुसार उसकी रानी वैदुम्ब कबीले की राजकुमारी कल्याणी से उत्पन्न पुत्र परांतक…
कुलोत्तुंग चोल प्रथम (Kulottunga Chola I, 1070-1122 AD)
कुलोत्तुंग चोल प्रथम (कुलोथुंग) ने 1070 ई. से 1122 ई. तक चोल अधिराजेंद्र (1070 ई.) के बाद शासन किया। कुलोत्तुग के सिंहासनारोहण से…
वीरराजेंद्र चोल (Virarajendra Chola, 1063-1070 AD)
राजेंद्र चोल द्वितीय की मृत्यु के बाद उसका अनुज वीरराजेंद्र चोल 1063 ई. के लगभग चोल राजपीठ पर आसीन हुआ। यद्यपि राजेंद्र द्वितीय…
राजाधिराज चोल प्रथम (Rajadhiraja Chola I, 1044-1054 AD)
राजेंद्र चोल प्रथम के उत्तराधिकारी राजेंद्र चोल प्रथम के पश्चात् उसके पुत्रों- राजाधिराज, राजेंद्र तथा वीरराजेंद्र ने क्रमशः शासन किया और विस्तृत चोल…
राजेंद्र चोल प्रथम (Rajendra Chola I, 1014-1044 AD)
राजराज चोल प्रथम की मृत्यु के बाद उसकी कोडुंबलुर की राजकुमारी थिरिपुवना महादेवी से उत्पन्न पुत्र राजेंद्र चोल प्रथम 1014 ई. में औपचारिक…
राजराज चोल प्रथम (Rajaraja Chola I, 985-1015 AD)
चोल राजवंश की महत्ता का वास्तविक संस्थापक परांतक चोल द्वितीय (सुंदरचोल) की वानवन महादेवी से उत्पन्न पुत्र राजकेशरी अरुलमोझिवर्मन था, जो 985 ई….
परांतक चोल प्रथम (Parantaka Chola I, 907- 955 AD)
आदित्य प्रथम की मृत्यु के अनंतर 907 ई. में इसका पुत्र परांतक चोल प्रथम चोल राजसिंहासन का उत्तराधिकारी हुआ, जिसने 955 ई. तक…