
ई.पू. छठी शताब्दी प्राचीन भारत के इतिहास में एक सीमा-चिन्ह है क्योंकि इस काल में एक ओर उत्तर भारत में विशाल साम्राज्यों की नींव पड़ …
ई.पू. छठी शताब्दी प्राचीन भारत के इतिहास में एक सीमा-चिन्ह है क्योंकि इस काल में एक ओर उत्तर भारत में विशाल साम्राज्यों की नींव पड़ …
ऋक्-संहिता से इतर संहिता ग्रंथों, ब्राह्मणों, आरण्यकों, उपनिषदों का रचनाकाल लगभग ई.पू. 1000 से 500 ई.पू. माना जाता है। उत्तर वैदिककालीन साहित्य के अनुशीलन से …
वैदिक काल प्राचीन भारतीय संस्कृति का वह कालखंड माना जाता है, जब वेदों की रचना हुई थी। इस कालखंड की संस्कृति को वैदिक संस्कृति कहा …
पत्थर से धातु के प्रयोग तक का संक्रमण क्रमिक एवं मंद था। मानव ने ताँबे, सोने, चाँदी और सबसे अंत में लोहे का प्रयोग करना …
हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद सिंधु क्षेत्र के बाहर अनेक ग्राम्य-संस्कृतियाँ अस्तित्व में आईं। चूंकि इन पशुचारी-कृषक संस्कृतियों के लोग पत्थर और ताँबे के …
मध्यकालीन भारतीय इतिहास में मराठों का उत्थान एक महत्त्वपूर्ण घटना है। पंद्रहवीं से सत्तरहवीं शताब्दी तक के प्रबल सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों का प्रतिनिधित्व करते …
गांधीजी की भारत-वापसी गांधीजी 46 वर्ष की आयु में जनवरी 1915 में भारत वापस आये। उन्होंने पूरे एक वर्ष तक देश का भ्रमण किया। इस …
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में मोहनदास करमचंद गांधी के प्रवेश के साथ ही भारतीय राष्ट्रवाद के जनाधार और लोकप्रियता में अपार वृद्धि हुई, जिससे जन-राष्ट्रवाद …