
अपने अग्रज गोविंद द्वितीय को अपदस्थ कर ध्रुव ने राष्ट्रकूट राजवंश की बागडोर सँभाली। ध्रुव के राज्यारोहण की तिथि का स्पष्ट ज्ञान नहीं है। जिनसेन …
अपने अग्रज गोविंद द्वितीय को अपदस्थ कर ध्रुव ने राष्ट्रकूट राजवंश की बागडोर सँभाली। ध्रुव के राज्यारोहण की तिथि का स्पष्ट ज्ञान नहीं है। जिनसेन …
चित्तलदुर्ग से प्राप्त एक लेख के अनुसार दंतिदुर्ग के कोई पुत्र नही था और उसकी मृत्यु के पश्चात् उसका चाचा कृष्ण प्रथम 756 ई. के …
इंद्र द्वितीय के बाद उसकी चालुक्यवंशीय पत्नी भवनागा से उत्पन पुत्र दंतिदुर्ग (735-756 ई.) राजा हुआ, जिसे राष्ट्रकूट राजवश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। …
हर्षोत्तरकाल में गुर्जरात्रा प्रदेश में प्रतिहार राजवंश का उदय हुआ, जो गुर्जरों की एक राजपूत शाखा से संबंधित होने के कारण ‘गुर्जर प्रतिहार’ के नाम …
उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ तक रूस एक पिछड़ा हुआ देश बना रहा। रूस को सभ्य बनाने का कार्य सबसे पहले महान् पीटर (1682-1725 ई.) ने …
मानव सभ्यता के इतिहास में पाषाणकाल के अनंतर क्रमशः ताम्रकाल एवं कांस्यकाल का आगमन हुआ। पाषाणकाल की सभ्यताएँ अरण्यों, कंदराओं, नखलिस्तानों, झीलों के किनारों एवं …
भारत की आजादी से पहले और आजादी के बाद कई ऐसे महापुरुष हुए, जिन्होंने अपने बल पर राष्ट्र और समाज को बदलने की पूरी कोशिश …
प्रतिहार साम्राज्य के पतन के पश्चात् बुंदेलखंड के भूभाग पर चंदेल वंश के स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई। अभिलेखों में चंदेल शासकों को ‘जेजाकभुक्ति के …