
12वीं शताब्दी के मध्य में भारत के बंगाल में सेन राजवंश ने अपना प्रभुत्व स्थापित किया और 160 वर्ष तक शासन किया। बंगाल के इस …
12वीं शताब्दी के मध्य में भारत के बंगाल में सेन राजवंश ने अपना प्रभुत्व स्थापित किया और 160 वर्ष तक शासन किया। बंगाल के इस …
राष्ट्रकूट राजवंश ने लगभग दो सौ वर्षों से अधिक समय तक भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े भूभाग पर शासन किया। यद्यपि इस राजवंश की कई …
खोट्टिग (967-972 ई.) कृष्ण तृतीय नि:सन्तान मरा था। करहद अभिलेख (शक संवत् 894) के अनुसार कृष्ण तृतीय की मृत्यु के बाद कुंदकदेवी से उत्पन्न अमोघवर्ष …
अमोघवर्ष तृतीय के बाद उसका ज्येष्ठ पुत्र और युवराज कृष्ण तृतीय 939 ई. में राष्ट्रकूट राजवंश की गद्दी पर बैठा। अपने राज्यारोहण के समय उसने …
अमोघवर्ष द्वितीय (929-930 ई.) इंद्र तृतीय के पश्चात् उसका ज्येष्ठ पुत्र अमोघवर्ष द्वितीय 928 ई. के आसपास मान्यखेट के राष्ट्रकूट वंश का राजा हुआ। गोविंद …
कृष्ण द्वितीय के पश्चात् उसका पौत्र इंद्र तृतीय (914-929 ई.) राजा बना, क्योंकि उसके करहद एवं देवली ताम्रपत्रों से पता चलता है कि उसके पुत्र …
अमोघवर्ष के पश्चात् उसका पुत्र कृष्ण द्वितीय 880 ई. के लगभग राष्ट्रकूट राजगद्दी पर बैठा। उसने शुभतुंग तथा अकालवर्ष के साथ-साथ वल्लभराज, श्रीपृथ्वीवल्लभ, परमभट्टारक, महाराजाधिराज …
अमोघवर्ष’ प्रथम (814 ई.-878 ई.) गोविंद तृतीय की मृत्यु के पश्चात् उसका अल्पवयस्क पुत्र शर्व ‘अमोघवर्ष’ प्रथम 814 ई. में राष्ट्रकूट राज्य का उत्तराधिकारी हुआ। …