नई शिक्षा नीति-2020 के अनुसार दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर की बी.ए., बी.एस-सी. एवं बी.काम. की सेमेस्टर परीक्षाओं में ‘नाथपंथ
Category: विविध
नाथपंथ (संप्रदाय) पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर-1 (MCQs and answers based on Nathpanth (sect)-1)
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पूर्व मध्यकाल में शाक्त संप्रदाय (Shakta Sect in the Early Medieval Period)
शाक्त संप्रदाय भारत में अत्यंत प्राचीनकाल से प्रचलित रहा है। इस संप्रदाय का संबंध प्रागैतिहासिक काल के आदिम कबीलों से
‘कुरु-धम्म’ की नसीहत (The Advices of the ‘Kuru-Dhamma’)
‘कुरु-धम्म’ की नसीहत लेखक प्रो. गोरखनाथ, अवकाश प्राप्त आचार्य एवं अध्यक्ष प्राचीन इतिहास, पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर
पं. दीनदयाल उपाध्याय: एक परिचय (Pt. Deendayal Upadhyay: An Introduction)
भारत की आजादी से पहले और आजादी के बाद कई ऐसे महापुरुष हुए, जिन्होंने अपने बल पर राष्ट्र और समाज
औपनिवेशिक भारत में शहरीकरण: मद्रास, बंबई और कलकत्ता (Urbanization in Colonial India: Madras, Bombay and Calcutta)
औपनिवेशिक भारत में शहरीकरण इस आलेख में औपनिवेशिक भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया, औपनिवेशिक शहरों की चारित्रिक विशिष्टताओं और तीन
सामाजिक अंतर्विरोध एवं वर्ण व्यवस्था का उद्भव (Social Contradiction and Emergence of Varna System)
उत्तर-पूर्व से पशुचारी आर्य जनजातियों के भारत में प्रवेश का सिलसिला हड़प्पा सभ्यता के पराभव के कुछ शताब्दियों बाद शुरू
भारत में ‘सती’ की अवधारणा (Concept of ‘Sati’ in India)
भारत में सती प्रथा के उद्भव एवं विकास को प्रायः मध्य एशिया के साथ जोड़कर देखा जाता रहा है। अनेक
बौद्ध धर्म-दर्शन में समाजवादी चेतना (Socialist Consciousness in Buddhist Philosophy)
बौद्ध धर्म-दर्शन का उदय वैदिक धर्म की प्रतिक्रिया में ही हुआ था। वैदिक साहित्य में बहुदेववाद, कर्मकांड और युद्धों का