
1919 से 1922 के बीच अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध दो सशक्त जन-आंदोलन चलाये गये- खिलाफत और असहयोग आंदोलन। इन आंदोलनों की पृष्ठभूमि उन घटनाओं की …
1919 से 1922 के बीच अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध दो सशक्त जन-आंदोलन चलाये गये- खिलाफत और असहयोग आंदोलन। इन आंदोलनों की पृष्ठभूमि उन घटनाओं की …
मगध महाजनपद प्राचीनकाल से ही राजनीतिक उत्थान, पतन एवं सामाजिक-धार्मिक जागृति का केंद्र-बिंदु रहा है। छठीं शताब्दी ई.पू. के सोलह महाजनपदों में से एक मगध …
आरंभ में अंग्रेज इतिहासकारों की धारणा थी कि भारत में सदैव निरंकुश राजाओं का ही शासन रहा है, भारतवासी प्राचीनकाल से ही निरंकुशता के अभ्यस्त …
छठी शताब्दी ईसापूर्व में भारत आरंभिक भारतीय इतिहास में छठी शताब्दी ई.पू. को एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तनकारी काल माना जाता है। यह काल प्रायः आरंभिक राज्यों, …
थेरवाद (स्थविरवाद) बौद्ध धर्म का प्रमुख स्वरूप थेरवाद (स्थविरवाद) है। थेरवादी प्राचीन बौद्ध धर्म के पालि धर्म-ग्रंथों को आधिकारिक मानते हैं तथा अपनी वंशावली को …
बुद्ध ने कोई ग्रंथ नहीं लिखा और न अपने शिष्यों को अपना उपदेश किसी विशिष्ट, प्रमाणभूत भाषा में स्मरण रखने के लिए कहा। उन्होंने प्रचलित …
दक्षिण-पूर्वी यूरोप के बाल्कन प्रायद्वीप की भौगोलिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से अपनी अलग पहचान है। पंद्रहवीं सदी के प्रारंभ से लेकर सोलहवीं सदी के अंत तक पूर्वी यूरोपीय राज्यों पर आटोमन तुर्कों के निरंतर आक्रमणों एवं साम्राज्य-विस्तार के फलस्वरूप यूरोपीय राज्यों की राजनीतिक सुरक्षा, प्रभुता, प्रादेशिक अखंडता, सामुद्रिक व व्यापारिक हितों को बड़ा खतरा उत्पन्न … Read more क्रीमिया का युद्ध (1853-1856 ई.) (War of Crimea (1853–1856 AD)
19वीं सदी के आरंभिक 15 वर्षों के काल को ‘नेपालियन युग’ के नाम से जाना जाता है। फ्रांस में कई वर्षों की क्रांति, अशांति एवं …