जैन परंपरा में लोक और ईश्वर (Folk and God in Jain Tradition)
जैन परंपरा में ‘लोक’ विश्व, जगत् अथवा संसार के लिए जैन परंपरा में सामान्यरूप से ‘लोक’ शब्द का व्यवहार हुआ है। जैन साहित्य…
जैन परंपरा में ‘लोक’ विश्व, जगत् अथवा संसार के लिए जैन परंपरा में सामान्यरूप से ‘लोक’ शब्द का व्यवहार हुआ है। जैन साहित्य…
जैन दर्शन में ज्ञान मीमांसा व्यवहार की दृष्टि से ज्ञान का अर्थ जानना, समझना या परिचित होना होता है। प्रत्येक प्राणी अपने इंद्रियों…
जैन आचार-मीमांसा जैन परंपरा में आचार के स्तर पर श्रावक और श्रमण-ये दो श्रेणियाँ हैं। आध्यात्मिक विकास की पूर्णता हेतु श्रावक या गृहस्थधर्म…
मौर्य राजवंश 326 ई.पू. में जब सिकंदर की सेनाएँ पंजाब के विभिन्न राज्यों में विध्वंसक युद्धों में व्यस्त थीं, उस समय मध्य प्रदेश…
फ्रांस का उत्थान पंद्रहवीं शताब्दी में फ्रांस में निरंकुश राजतंत्र की स्थापना हुई थी, लेकिन सोलहवी शताब्दी में 1559 से 1589 ई. तक…
शाहजहाँ के पुत्रों में उत्तराधिकार का युद्ध शाहजहाँ के मुमताज महल से उत्पन्न चौदह संतानों में चार पुत्र और तीन पुत्रियाँ जीवित थीं।…
कर्नाटक में आंग्ल-फ्रांसीसी प्रतिद्वंद्विता 18वीं सदी में जब मुगल सत्ता क्षीण हो रही थी, अंग्रेजों और फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी में हुए संघर्ष…
भारत में मजदूर आंदोलन उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जब आधुनिक उद्योग धीरे-धीरे शुरू हो रहा था और रेलवे, पोस्ट आफिस, कोयला खनन,…
अठारहवीं शताब्दी में भारत अभी हाल तक भारतीय इतिहास में अठारहवीं सदी को एक ‘अंधकार युग’ के रूप चित्रित किया जाता रहा था…