
लॉर्ड हार्डिंग के पश्चात् लॉर्ड डलहौजी, जिसे ‘अर्ल ऑफ़ डलहौज़ी’ भी कहा जाता था, 12 जनवरी 1848 को भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त हुआ और …
लॉर्ड हार्डिंग के पश्चात् लॉर्ड डलहौजी, जिसे ‘अर्ल ऑफ़ डलहौज़ी’ भी कहा जाता था, 12 जनवरी 1848 को भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त हुआ और …
महाराजा रणजीतसिंह एक प्रबल और निरंकुश शासक था। उन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के बल पर जिस सैनिक राजतंत्र का निर्माण किया था, वह वस्तुतः शासक …
उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में रूस द्वारा पूरब की दिशा में बढ़ना भारत स्थित अंग्रेजी साम्राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय था। उधर, यूरोप …
लॉर्ड नार्थब्रुक के त्यागपत्र देने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बेंजामिन डिजरायली ने मध्य एशिया की घटनाओं को विशेष ध्यान में रखते हुए नवंबर 1875 ई. …
लॉर्ड रिपन को भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय वायसराय माना जाता है। उसकी उदरवादी शांतिपूर्ण नीति, स्वतंत्रता और स्वशासन में उसका विश्वास भारत में उसकी लोकप्रियता …
सिंधु नदी की निचली घाटी में समुद्र तक विस्तृत सिंध प्रदेश है। सिंध के राज्य का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। उसकी समृद्धि सदैव आक्रमणकारियों …
लॉर्ड ऑकलैंड (1836-1842) लॉर्ड ऑकलैंड (जॉर्ज ईडन, ऑकलैंड के अर्ल) 1836 में भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया था। उसे भारत और रूस के …
लॉर्ड विलियम बैंटिंक (1828 ई. – 1835 ई.) लॉर्ड विलियम बैंटिंक का पूरा नाम विलियम हेनरी कैवेंडिश बैंटिंक था। उसका जन्म 14 सितंबर 1774 को …