
सविनय अवज्ञा आंदोलन की समाप्ति (1934) के बाद कांग्रेस के अंदर गंभीर मतभेद पैदा हो गये, जैसे इससे पहले असहयोग आंदोलन की वापसी के बाद …
सविनय अवज्ञा आंदोलन की समाप्ति (1934) के बाद कांग्रेस के अंदर गंभीर मतभेद पैदा हो गये, जैसे इससे पहले असहयोग आंदोलन की वापसी के बाद …
आठवी शताब्दी के प्रारंभ में मुहम्मद-बिन-कासिम के नेतृत्व में सिंध पर अरबों के आक्रमण का कोई स्थायी परिणाम नहीं हुआ। अरबों का राज्य सिंध और …
गुप्तों का आदि-स्थान गुप्तों की जाति की तरह उनके आदि-स्थान के विषय में भी इतिहासकारों में पर्याप्त मतभेद है। स्पष्ट प्रमाणों के अभाव में गुप्तों …
गुप्तों की उत्पत्ति-विषयक समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो सका है। पुरातात्त्विक स्रोतों से पता चलता है कि सम्राट गुप्तवंश के पूर्व भी कई …
गुप्त राजवंश भारतीय इतिहास के पृष्ठों में सर्वांगीण अभ्युत्थान हेतु गौरवान्वित स्थान का भागी रहा है। इस राजवंश के नरेशों ने अपने अदम्य उत्साह, संगठन-प्रतिभा, …
उत्तरी भारत में कुषाणों के पतन और गुप्तों के उदय के पूर्व के काल को स्मिथ जैसे इतिहासकारों ने ‘अंधकार युग’ कहा था। इसका कारण …
तीसरी शताब्दी ई. में दक्षिण के सातवाहनों की शक्ति नष्ट होने पर वहाँ कई छोटे-छोटे राज्य स्थापित हो गये। लगता है कि तीसरी शती के …
मौर्योत्तरकालीन सामाज मौयोत्तर काल के शुंग और संभवतः सातवाहन वंश के शासक ब्राह्मण थे। अतः इस काल में भी चार वर्णों पर आधारित सामाजिक व्यवस्था …