
चौदहवीं सदी में दक्षिण भारत में दो बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का उद्भव हुआ- एक था विजयनगर साम्राज्य और दूसरा था बहमनी साम्राज्य। दक्कन क्षेत्र दिल्ली …
चौदहवीं सदी में दक्षिण भारत में दो बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का उद्भव हुआ- एक था विजयनगर साम्राज्य और दूसरा था बहमनी साम्राज्य। दक्कन क्षेत्र दिल्ली …
वेंगी का पूर्वी चालुक्य राज्य मुख्यतः कृष्णा एवं गोदावरी नदियों के बीच के क्षेत्र में विस्तृत था। इसकी राजधानी वेंगी (वेंगिपुर) में थी, जिसका समीकरण …
प्रतिहार साम्राज्य के पतन के पश्चात् कन्नौज तथा वाराणसी में जिस नवीन राजवंश की स्थापना हुई, वह गाहड़वाल वंश था। गाहड़वाल राजवंश ने 11वीं और …
1871 ई. के पेरिस कम्यून के पश्चात् से पश्चिमी यूरोप में कोई शक्तिशाली जनव्यापी क्रांतिकारी विस्फोट नहीं हुए थे, किंतु रूस में इसके विपरीत मजदूरों …
10वीं शताब्दी के अंतिम चरण में कल्याणी या कल्याण में भी चालुक्यों की एक शाखा का राजनीतिक उत्कर्ष हुआ। उस समय दक्षिणापथ की राजनैतिक स्थिति …
नूरजहां (1577-1645) मुगल काल की एक महारानी थी, जिन्हें भारत के इतिहास में मुगल शासक जहाँगीर की सबसे पसंदीदा पत्नी के तौर पर याद किया जाता है। …
औपनिवेशिक भारत में शहरीकरण इस आलेख में औपनिवेशिक भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया, औपनिवेशिक शहरों की चारित्रिक विशिष्टताओं और तीन बड़े शहरों- मद्रास, कलकत्ता तथा …
उत्तर-पूर्व से पशुचारी आर्य जनजातियों के भारत में प्रवेश का सिलसिला हड़प्पा सभ्यता के पराभव के कुछ शताब्दियों बाद शुरू हुआ। आर्यों के आगमन से …