चौदहवीं सदी में दक्षिण भारत में दो बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का उद्भव हुआ- एक था विजयनगर साम्राज्य और दूसरा था
Continue readingAuthor: Dr. Jai Prakash
वेंगी के पूर्वी चालुक्य (Eastern Chalukyas of Vengi)
वेंगी का पूर्वी चालुक्य राज्य मुख्यतः कृष्णा एवं गोदावरी नदियों के बीच के क्षेत्र में विस्तृत था। इसकी राजधानी वेंगी
Continue readingगहड़वाल राजवंश (Gahadwal Dynasty)
प्रतिहार साम्राज्य के पतन के पश्चात् कन्नौज तथा वाराणसी में जिस नवीन राजवंश की स्थापना हुई, वह गाहड़वाल वंश था।
Continue reading1905 ई. की रूसी क्रांति (Russian Revolution of 1905 AD)
1871 ई. के पेरिस कम्यून के पश्चात् से पश्चिमी यूरोप में कोई शक्तिशाली जनव्यापी क्रांतिकारी विस्फोट नहीं हुए थे, किंतु
Continue readingकल्याणी का पश्चिमी चालुक्य राजवंश (Western Chalukya Dynasty of Kalyani)
10वीं शताब्दी के अंतिम चरण में कल्याणी या कल्याण में भी चालुक्यों की एक शाखा का राजनीतिक उत्कर्ष हुआ। उस
Continue readingनूरजहाँ: मुगल राजनीति पर उसका प्रभाव (Nur Jahan: Her Influence on Mughal Politics)
नूरजहां (1577-1645) मुगल काल की एक महारानी थी, जिन्हें भारत के इतिहास में मुगल शासक जहाँगीर की सबसे पसंदीदा पत्नी के तौर
Continue readingऔपनिवेशिक भारत में शहरीकरण: मद्रास, बंबई और कलकत्ता (Urbanization in Colonial India: Madras, Bombay and Calcutta)
औपनिवेशिक भारत में शहरीकरण इस आलेख में औपनिवेशिक भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया, औपनिवेशिक शहरों की चारित्रिक विशिष्टताओं और तीन
Continue readingसामाजिक अंतर्विरोध एवं वर्ण व्यवस्था का उद्भव (Social Contradiction and Emergence of Varna System)
उत्तर-पूर्व से पशुचारी आर्य जनजातियों के भारत में प्रवेश का सिलसिला हड़प्पा सभ्यता के पराभव के कुछ शताब्दियों बाद शुरू
Continue readingबादामी (वातापी) का चालुक्य राजवंश (Chalukya Dynasty of Badami (Vatapi)
छठीं शताब्दी ईस्वी के मध्यकाल में संपूर्ण भारतीय प्रायद्वीप में राजनीतिक विकेंद्रीकरण का एक महत्त्वपूर्ण सिलसिला शुरू हुआ। जिस समय
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