भारत पर ईरानी और यूनानी आक्रमण ( Iranian and Greek Invasions of India)
जिस समय मगध के नेतृत्व में पूर्वी भारत में एकीकरण की प्रक्रिया चल रही थी, […]
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जिस समय मगध के नेतृत्व में पूर्वी भारत में एकीकरण की प्रक्रिया चल रही थी, […]
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भारतीय प्रायद्वीप प्रागैतिहासिक काल से ही विभिन्न धर्मों के उद्भव, विकास और स्थायित्व का आश्रयदाता
श्रमण परंपरा की प्राचीनता (Antiquity of the Shramana Tradition) Read More »
चंद्रगुप्त मौर्य के आगमन से भारतीय इतिहास में एक नये युग का सूत्रपात हुआ और
मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य (Maurya Emperor Chandragupta Maurya) Read More »
विश्व, जगत् अथवा संसार के लिए जैन परंपरा में सामान्यरूप से ‘लोक’ शब्द का व्यवहार
जैन परंपरा में लोक और ईश्वर (Folk and God in Jain Tradition) Read More »
व्यवहार की दृष्टि से ज्ञान का अर्थ जानना, समझना या परिचित होना होता है। प्रत्येक
जैन दर्शन में ज्ञान मीमांसा (Epistemology in Jain Philosophy) Read More »
जैन परंपरा में आचार के स्तर पर श्रावक और श्रमण-ये दो श्रेणियाँ हैं। आध्यात्मिक विकास
जैन आचार-मीमांसा (Jain Ethics) Read More »
326 ई.पू. में जब सिकंदर की सेनाएँ पंजाब के विभिन्न राज्यों में विध्वंसक युद्धों में
पंद्रहवीं शताब्दी में फ्रांस में निरंकुश राजतंत्र की स्थापना हुई थी, लेकिन सोलहवी शताब्दी में
शाहजहाँ के मुमताज महल से उत्पन्न चौदह संतानों में चार पुत्र और तीन पुत्रियाँ जीवित
शाहजहाँ के पुत्रों में उत्तराधिकार का युद्ध (War of Succession Among Shah Jahan’s sons) Read More »