त्रिपक्षीय संघर्ष आठवीं शताब्दी में अरबों की सिंध विजय (712 ई.) के बाद सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक घटना तीन शक्तिशाली राज्यों का उदय और…
बंगाल में क्रांतिकारी गतिविधियाँ और चटगाँव विद्रोह समूह (Revolutionary Activities in Bengal and the Chittagong Rebellion Group)
बंगाल में क्रांतिकारी गतिविधियाँ बीसवीं सदी के तीसरे दशक में बंगाल में अतीत में जीनेवाले पुराने ‘दादा’ युगांतर और अनुशीलन के झगड़ों में…
क्रांतिकारी आंदोलन का पुनरोदय : भगतसिंह और चंद्रशेखर आजाद (Revival of Revolutionary Movement : Bhagat Singh and Chandrasekhar Azad)
क्रांतिकारी आंदोलन का पुनरोदय प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान क्रांतिकारी आंदोलनकारियों को बुरी तरह कुचल दिया गया। अनेक नेता जेल में डाल दिये गयेे…
भारत में सांप्रदायिकता के उदय के कारण (Causes of Rise of Communalism in India)
भारत में सांप्रदायिकता के उदय के कारण सांप्रदायिकता का अर्थ ‘सांप्रदायिकता’ से तात्पर्य उस संकीर्ण मनोवृति से है, जो धर्म और संप्रदाय के…
1857 के बाद आदिवासी विद्रोह (Tribal Rebellion After 1857)
1857 के बाद आदिवासी विद्रोह आदिवासी विद्रोह का आरंभ अंग्रेजी साम्राज्य की स्थापना के साथ शुरू हो गया था। ‘आदिवासी’ शब्द को जनजातीय,…
भारत में वामपंथ का उदय और विकास (The Rise and Development of the Left in India)
भारत में वामपंथ का उदय वामपंथी राजनीति उस पक्ष या विचारधारा को कहते हैं जो समाज को बदलकर उसमें अधिक आर्थिक बराबरी लाना…
स्वराज पार्टी और अपरिवर्तनवादी (Swaraj Party and No Changers)
स्वराज पार्टी फरवरी 1922 में असहयोग आंदोलन की वापसी बाद कांग्रेस जन-आंदोलन का एक और दौर शुरू करने की स्थिति में नहीं थी।…
खिलाफत और असहयोग आंदोलन (Khilafat and Non-Cooperation Movement)
खिलाफत और असहयोग आंदोलन 1919 से 1922 के मध्य अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध दो सशक्त जन-आंदोलन चलाये गये- खिलाफत और असहयोग आंदोलन। खिलाफत…
मगध का उत्कर्ष : हर्यंक, शिशुनाग और नंद वंश का योगदान (Rise of Magadha : Contribution of Haryanka, Shishunag and Nanda Dynasty)
मगध का उत्कर्ष मगध महाजनपद प्राचीनकाल से ही राजनीतिक उत्थान, पतन एवं सामाजिक-धार्मिक जागृति का केंद्र-बिंदु रहा है। छठीं शताब्दी ई.पू. के सोलह…
प्राचीन भारत में गणराज्य (Republics in Ancient India)
प्राचीन भारत में गणराज्य आरंभ में अंग्रेज इतिहासकारों की धारणा थी कि भारत में सदैव निरंकुश राजाओं का ही शासन रहा है, भारतवासी…