जहाँगीर (Jahangir, 1605-1627 AD)

जहाँगीर (Jahangir, 1605-1627 AD)

जहाँगीर भारत में मुगल साम्राज्य का चौथा प्रमुख बादशाह था। वह अपने पिता सम्राट अकबर की मृत्यु के बाद 1605 ई. में सिंहासन पर बैठा …

अकबर का प्रशासन (Akbar's Administration)

अकबर का प्रशासन (Akbar’s Administration)

मध्यकालीन मुस्लिम शासकों की भाँति अकबर का प्रशासन भी स्वेच्छाचारी एवं निरंकुशवादी था। अकबर राजत्व के दैवी अधिकार के सिद्धांत में विश्वास करता था। अबुल …

फ्रांस में क्रांति क्यों हुई? (Why did the Revolution happen in France?)

फ्रांस में क्रांति क्यों हुई? (Why did the Revolution happen in France?)

अठारहवीं शताब्दी में यूरोप की सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित नहीं थी। शोषण और अन्याय ही समाज के आधार …

फ्रांस की क्रांति के पूर्व यूरोप (Europe before the French Revolution)

फ्रांस की क्रांति के पूर्व यूरोप (Europe before the French Revolution)

यूरोपीय इतिहास में अठारहवीं शताब्दी का अंतिम चरण एक युग की समाधि और दूसरे युग का पालना था। अठारहवी शताब्दी में फ्रांस की स्थिति अत्यंत …

अकबर महान् (Akbar the great)

अकबर महान् (Akbar the great)

बादशाह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर (1556-1605 ई.) मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूँ एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर …

सैयद बंधु और परवर्ती मुगल बादशाह (Sayyid Brothers and Later Mughal Emperors)

सैयद बंधु और परवर्ती मुगल बादशाह (Sayyid Brothers and Later Mughal Emperors)

सैयद बंधु ‘सैयद बंधु’ से आशय अब्दुल्ला खाँ और सैयद हुसैनअली खाँ बारहा नामक दो भाइयों से है, जो 18वीं शताब्दी के आरंभ में मुगल …

बहादुरशाह प्रथम (Bahadur Shah I, 1709-1712 AD)

बहादुरशाह प्रथम (Bahadur Shah I, 1709-1712)

बहादुरशाह प्रथम दिल्ली का सातवाँ मुगल बादशाह था, जिसका मूलनाम ‘कुतुब-उद्-दीन मुहम्मद मुअज्जम’ था। उसका पूरा नाम ‘अबुल-नस्र सैय्यद कुतुब-उद-दीन मुहम्मद शाहआलम बहादुरशाह बादशाह’ था। …

जैन दर्शन में बंधन और मोक्ष (Bondage and Moksha in Jain Philosophy)

जैन दर्शन में बंधन और मोक्ष (Bondage and Moksha in Jain Philosophy)

प्रायः सभी भारतीय दर्शनों में बंधन का अर्थ निरंतर जन्म ग्रहण करना तथा सांसारिक दुःखों को भोगना है। बंधन संसार है तथा मोक्ष निर्वाण है। …

जैन चतुर्विध-संघ : श्वेताम्बर और दिगम्बर (Jain Chaturvidha Sangh: Svetambara and Digambara)

जैन चतुर्विध-संघ : श्वेताम्बर और दिगम्बर (Jain Chaturvidha Sangh: Svetambara and Digambara)

अनुशासित समूह को ‘संघ’ कहते है। संघ के कुछ नियमोपनियम तथा मर्यादाएँ निर्धारित होती हैं जिनका परिपालन संघ के प्रत्येक सदस्य के लिए अनिवार्य होता …