
जहाँगीर भारत में मुगल साम्राज्य का चौथा प्रमुख बादशाह था। वह अपने पिता सम्राट अकबर की मृत्यु के बाद 1605 ई. में सिंहासन पर बैठा …
जहाँगीर भारत में मुगल साम्राज्य का चौथा प्रमुख बादशाह था। वह अपने पिता सम्राट अकबर की मृत्यु के बाद 1605 ई. में सिंहासन पर बैठा …
मध्यकालीन मुस्लिम शासकों की भाँति अकबर का प्रशासन भी स्वेच्छाचारी एवं निरंकुशवादी था। अकबर राजत्व के दैवी अधिकार के सिद्धांत में विश्वास करता था। अबुल …
अठारहवीं शताब्दी में यूरोप की सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित नहीं थी। शोषण और अन्याय ही समाज के आधार …
यूरोपीय इतिहास में अठारहवीं शताब्दी का अंतिम चरण एक युग की समाधि और दूसरे युग का पालना था। अठारहवी शताब्दी में फ्रांस की स्थिति अत्यंत …
बादशाह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर (1556-1605 ई.) मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूँ एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर …
सैयद बंधु ‘सैयद बंधु’ से आशय अब्दुल्ला खाँ और सैयद हुसैनअली खाँ बारहा नामक दो भाइयों से है, जो 18वीं शताब्दी के आरंभ में मुगल …
बहादुरशाह प्रथम दिल्ली का सातवाँ मुगल बादशाह था, जिसका मूलनाम ‘कुतुब-उद्-दीन मुहम्मद मुअज्जम’ था। उसका पूरा नाम ‘अबुल-नस्र सैय्यद कुतुब-उद-दीन मुहम्मद शाहआलम बहादुरशाह बादशाह’ था। …
प्रायः सभी भारतीय दर्शनों में बंधन का अर्थ निरंतर जन्म ग्रहण करना तथा सांसारिक दुःखों को भोगना है। बंधन संसार है तथा मोक्ष निर्वाण है। …