पांड्य राजवंश या मदुरा के पांड्य (Pandya dynasty or Pandyas of Madura)

पांड्य राजवंश या मदुरा के पांड्य (Pandyan Dynasty or Pandyas of Madurai)

मदुरा के पांड्य सुदूर दक्षिण भारत में तमिल प्रदेश के प्रारंभिक राजवंशों में चेरों और चोलों के बाद तीसरा राज्य पांड्यों का था, जो प्रारंभ …

मारवर्मन् कुलशेखर पांड्य प्रथम (Maravarman Kulasekara Pandyan I, 1270-1308 AD)

मारवर्मन् कुलशेखर पांड्य प्रथम (Maravarman Kulasekara Pandyan I, 1270-1308)

मारवर्मन् कुलशेखर पांड्य प्रथम (1268-1308 ई.) पांड्य राज्य एक शक्तिशाली शासक था, जो जटावर्मन् सुंदरपांड्य के बाद संभवतः 1268 ई. में पांड्य राज्य का उत्तराधिकारी …

जटावर्मन् सुंदर पांड्य प्रथम (Jatavarman Sundara Pandyan I, 1251-1268 AD)

जटावर्मन् सुंदरपांड्य प्रथम (Jatavarman Sundara Pandyan I, 1251-1268)

मारवर्मन् सुंदरपांड्य के बाद पांड्य राजगद्दी पर जटावर्मन् सुंदरपांड्य प्रथम (1251-1270 ई.) आसीन हुआ। उसके समय में पांड्य शक्ति अपने चरम पर पहुँच गई। उसकी …

चोल राजवंश का राजनीतिक इतिहास (Political History of Chola Dynasty, 850-1279 AD)

चोल राजवंश का राजनीतिक इतिहास (Political History of Chola Dynasty, 850-1279 AD)

सुदूर दक्षिण भारत के तमिल प्रदेश में प्राचीनकाल में जिन राजवंशों का उत्कर्ष हुआ, उनमें चोलों का विशिष्ट स्थान है। चोल एक शक्तिशाली राजवंश था, …

राजेंद्र चोल तृतीय (Rajendra Chola III, 1246-1279 AD)

राजेंद्र तृतीय और चोल सत्ता का अवसान (Rajendra Chola III and the End of Chola Power)

राजराज तृतीय के उपरांत 1252 ई. में राजेंद्र तृतीय चोल राजसिंहासन पर बैठा। संभवतः राजराज तृतीय ने 1246 ई. में ही उसको अपना युवराज और …

राजराज चोल तृतीय (Rajaraja Chola III, 1216-1256 AD)

राजराज तृतीय (Rajaraja Chola III, 1218-1256 AD)

कुलोत्तुंग तृतीय की मृत्यु के पश्चात् राजराज तृतीय 1218 ई. में चोल राजगद्दी पर बैठा, जो संभवतः कुलोत्तुंग का पुत्र था। कुलोत्तुंग तृतीय ने 1216 …

कुलोत्तुंग चोल तृतीय (Kulottunga Chola III, 1178–1218 AD)

कुलोत्तुंग तृतीय (Kulottunga III, 1178–1218 AD)

कुलोत्तुंग तृतीय ‘परकेशरिवर्मन’ चोल राजवंश का अंतिम महान शासक था, जिसने 1178 से 1218 ई. तक शासन किया। राजाधिराज द्वितीय ने अपने शासनकाल के अंतिम …

राजराज चोल द्वितीय (Rajaraja Chola II, 1146-1173 AD)

राजराज द्वितीय (Rajaraja II, 1150-1173 AD)

कुलोत्तुंग द्वितीय के पश्चात् उसका पुत्र राजराज द्वितीय 1150 ई. में चोल राजवंश की गद्दी पर बैठा। कुलोत्तुंग द्वितीय ने इसे 1146 ई. में ही …

कुलोत्तुंग चोल द्वितीय (Kulottunga Chola II, 1135-1152 AD)

कुलोत्तुंग द्वितीय (Kulottunga II, 1135-1152 AD)

कुलोत्तुंग द्वितीय, कुलोत्तुंग (प्रथम) का पौत्र और विक्रमचोल का पुत्र था, जिसे 1133 ई. में ही युवराज बनाया गया था, क्योंकि उसके अभिलेखों में उसके …