भारत के राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास में कुषाण राजवंश एक सीमाचिन्ह है। शकों की तरह कुषाण भी मध्य एशिया से
Category: प्राचीन इतिहास
भारत में शक (सीथियन) और पार्थियन शासन (Shaka (Scythian) and Parthian Rule in India)
मगध के विशाल मौर्य साम्राज्य की शक्ति के क्षीण होने पर भारत पर पश्चिमोत्तर से पुनः विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण
कलिंग का महामेघवाहन (चेदि) वंश और खारवेल (Mahameghavahana (Chedi) Dynasty of Kalinga and Kharavela)
प्राचीन भारत में कलिंग एक समृद्ध राज्य था। प्राचीन कलिंग के राज्य-क्षेत्र के अंतर्गत पुरी और गंजाम के जिले का
आंध्र-सातवाहन राजवंश और गौतमीपुत्र सातकर्णि (Andhra-Satavahana Dynasty and Gautamiputra Satakarni)
सातवाहन वंश भारत का प्राचीन राजवंश था, जिसने तीसरी सदी ई.पू. के अंतिम चरण में केंद्रीय दक्षिण भारत पर शासन
भारत में हिंद-यवन शासन (Indo-Greek Rule in India)
मौर्य साम्राज्य के पतन के साथ ही विकेंद्रीकरण की प्रवृत्तियाँ क्रियाशील हो उठीं और भारत की राजनीतिक एकता कुछ समय
शुंग राजवंश : पुष्यमित्र शुंग (Shunga Dynasty : Pushyamitra Shunga)
चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य द्वारा स्थापित विशाल मौर्य साम्राज्य की लड़खड़ाती दीवार अंततः 185 ई.पू. के आसपास उस समय गिर
अशोक महान् का मूल्यांकन (Evaluation of Asoka the Great)
अशोक भारतीय इतिहास का ही नहीं, विश्व इतिहास के महानतम् शासकों में एक है। एक विजिगिषु शासक, महान् विजेता एवं
संगम युग : राजनीतिक, समाजार्थिक एवं सांस्कृतिक जीवन (Sangam Age : Political, Socio-economical and Cultural Life)
सुदूर दक्षिण में भारतीय प्रायद्वीप त्रिभुजाकार रूप में कन्याकुमारी तक विस्तृत है जिसे ‘तमिलकम्’ प्रदेश कहा जाता था। दक्षिण भारत
अशोक के उत्तराधिकारी और मौर्य साम्राज्य का पतन (The Successors of Asoka and the Fall of the Maurya Empire)
अशोक के बाद ही मौर्य साम्राज्य का पतन आरंभ हो गया और लगभग पचास वर्ष के अंदर इस साम्राज्य का