लॉर्ड हार्डिंग के पश्चात् लॉर्ड डलहौजी, जिसे ‘अर्ल ऑफ़ डलहौज़ी’ भी कहा जाता था, 12 जनवरी 1848 को भारत का
Category: आधुनिक इतिहास
आंग्ल-सिख युद्ध और पंजाब की विजय (Anglo-Sikh War and Conquest of Punjab)
महाराजा रणजीतसिंह एक प्रबल और निरंकुश शासक था। उन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के बल पर जिस सैनिक राजतंत्र का निर्माण
ब्रिटिश अफगान नीति: लॉरेंस से रिपन तक (British Afghan Policy: From Lawrence to Ripon)
उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में रूस द्वारा पूरब की दिशा में बढ़ना भारत स्थित अंग्रेजी साम्राज्य के लिए गंभीर चिंता
लॉर्ड लिटन (Lord Lytton, 1876-1880 AD)
लॉर्ड नार्थब्रुक के त्यागपत्र देने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री बेंजामिन डिजरायली ने मध्य एशिया की घटनाओं को विशेष ध्यान में
लॉर्ड रिपन (Lord Ripon, 1880-1884 AD)
लॉर्ड रिपन को भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय वायसराय माना जाता है। उसकी उदरवादी शांतिपूर्ण नीति, स्वतंत्रता और स्वशासन में उसका
सिंध का विलय (Annexation of Sindh)
सिंधु नदी की निचली घाटी में समुद्र तक विस्तृत सिंध प्रदेश है। सिंध के राज्य का इतिहास हजारों वर्ष पुराना
लॉर्ड ऑकलैंड (Lord Auckland, 1836-1842)
लॉर्ड ऑकलैंड (1836-1842) लॉर्ड ऑकलैंड (जॉर्ज ईडन, ऑकलैंड के अर्ल) 1836 में भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया था।
लॉर्ड विलियम बैंटिंक (Lord William Bentinck, 1828-1835 )
लॉर्ड विलियम बैंटिंक (1828 ई. – 1835 ई.) लॉर्ड विलियम बैंटिंक का पूरा नाम विलियम हेनरी कैवेंडिश बैंटिंक था। उसका
1853 का चार्टर एक्ट एवं 1854 का भारत शासन अधिनियम (Charter Act of 1853 and Government of India Act of 1854)
1853 का चार्टर एक्ट भारतीय शासन (ब्रिटिशकालीन) के इतिहास में अंतिम चार्टर एक्ट था। इस एक्ट द्वारा कंपनी के प्रशासनिक