स्कंदगुप्त की मृत्यु के बाद गुप्त राजवंश का सूरज अस्ताचल की ओर गतिमान हुआ। यद्यपि स्कंदगुप्त के पश्चात् गुप्त शासकों
Continue readingAuthor: Dr. Jai Prakash
स्कंदगुप्त ‘क्रमादित्य’ (Skandagupta ‘Kramaditya’)
कुमारगुप्त की मृत्यु के बाद गुप्त शासन की बागडोर उसके सुयोग्य पुत्र स्कंदगुप्त ने सँभाली। जूनागढ़ लेख में उसके शासन
Continue readingकुमारगुप्त प्रथम ‘महेंद्रादित्य’ (Kumaragupta I ‘Mahendraditya’)
चंद्रगुप्त द्वितीय के बाद कुमारगुप्त 415 ई. में सत्तारूढ़ हुआ जो बिलसद स्तंभलेख के अनुसार उसकी पट्टमहादेवी ध्रुवदेवी से उत्पन्न
Continue readingचंद्रगुप्त द्वितीय ‘विक्रमादित्य’ (Chandragupta II ‘Vikramaditya’)
समुद्रगुप्त की प्रधान महिषी दत्तदेवी से उत्पन्न पुत्र चंद्रगुप्त द्वितीय असाधारण प्रतिभा, अदम्य उत्साह एवं विलक्षण पौरुष से युक्त था।
Continue readingरामगुप्त की ऐतिहासिकता (Historicity of Ramgupta)
गुप्त अभिलेखों में उल्लिखित वंश-तालिका में समुद्रगुप्त के बाद चंद्रगुप्त द्वितीय का नाम मिलता है, इसलिए पहले इतिहासकारों का विचार
Continue readingसमुद्रगुप्त (Samudragupta)
चंद्रगुप्त प्रथम के बाद 335 ई. में लिच्छवि राजकुमारी कुमारदेवी से उत्पन्न उसका पुत्र (महाराजाधिराज श्रीचंद्रगुप्तपुत्रस्य लिच्छविदौहित्रस्य महादेव्यां कुमारदेव्यामुत्पन्नस्य महाराजाधिराज
Continue readingप्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत (Sources of Ancient Indian History)
भारतवर्ष संसार के प्राचीनतम् एवं महानतम् देशों में अग्रगण्य है। ऐतिहासिक स्रोतों की दृष्टि से इतिहासकारों ने प्राचीन भारतीय इतिहास
Continue readingमुहम्मद गोरी के आक्रमण (Muhammad Ghori’s Invasions)
गोर प्रदेश की स्थिति गोर, गजनवी साम्राज्य और हेरात के सल्जूक साम्राज्य के मध्य दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में एक छोटा-सा
Continue readingभारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में पूँजीपति वर्ग की भूमिका (Role of Capitalist Class in Indian National Movement)
औपनिवेशिक शासन के दौरान 19वीं सदी के मध्य में भारतीय पूँजीपति वर्ग का विकास हुआ, लेकिन भारतीय पूँजीपति विदेशी पूँजी
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