कला, अभीष्ट दिव्यता की प्राप्ति का और उसके साथ एकाकार हो जाने का पवित्रतम् साधन है। कलाओं ने धर्म की
Continue readingAuthor: Dr. Jai Prakash
गुप्तकालीन धर्म और धार्मिक जीवन (Religion and Religious Life in Gupta Period)
गुप्तकाल को प्रायः ब्राह्मण धर्म के पुनरुत्थान का चरमोत्कर्ष माना जाता है। गुप्त सम्राटों में कुछ वैष्णव, कुछ शैव और
Continue readingगुप्तकालीन सामाजिक जीवन (Social Life in Gupta Period)
गुप्तकालीन भारतीय समाज परंपरागत चार वर्णों- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र में विभाजित था। पहले की तरह ब्राह्मणों को इस
Continue readingगुप्तकालीन प्रशासन और आर्थिक जीवन (Gupta Administration and Economic Life)
गुप्तकाल में भारत ने राजनैतिक, सामाजिक एवं भौतिक उन्नति के चरमोत्कर्ष का साक्षात्कार किया। अपने उत्कर्ष-काल में यह साम्राज्य उत्तर
Continue readingपाकिस्तान की माँग और राजाजी सूत्र (Pakistan’s Demand and Rajaji Formula)
सितंबर 1939 में जर्मन प्रसारवाद की हिटलर की नीति के अनुसार नाजी जर्मनी ने पौलैंड पर आक्रमण कर दिया, जिससे
Continue readingत्रिपुरी संकट : सुभाष बनाम गांधी (Tripuri Crisis: Subhash Vs Gandhi)
महात्मा गांधी के आशीर्वाद से सुभाषचंद्र बोस फरवरी 1938 के हरिपुरा (गुजरात) कांग्रेस में सर्वसम्मति से कांग्रेस का अध्यक्ष चुने
Continue readingब्रिटिश भारत में किसान आंदोलन (Peasant Movements in British India)
प्रायः माना जाता है कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में किसानों की कोई सार्थक भूमिका नहीं रही है, किंतु ऐसा नहीं
Continue readingरॉबर्ट क्लाइव और बंगाल में द्वैध शासन (Robert Clive and Diarchy in Bengal)
भारत में अपने कार्यकाल के दौरान रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल में अंग्रेजों की स्थिति में सुधार किया और ब्रिटिश साम्राज्य
Continue readingबंगाल में अंग्रेजी शक्ति की स्थापना (Establishment of English Power in Bengal)
भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद का बीजारोपण बंगाल से ही हुआ। अंग्रेजों ने 23 जून 1757 ई. को प्लासी के युद्ध
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