27 अगस्त 1939 को हिटलर ने ओवरसल्जवर्ग में अपने सेनापतियों को संबोधित करते हुए कहा था : ‘‘मुझे जितनी शक्ति
Continue readingAuthor: Dr. Jai Prakash
राष्ट्रसंघ : संगठन, उपलब्धियाँ और असफलताएँ (League of Nations: Organization, Achievements and Failures)
प्रथम महायुद्ध विश्व इतिहास में लड़ा गया ऐसा पहला युद्ध था जिसके दुष्परिणाम अनेक राष्ट्रों के विशाल जन-समुदाय को भोगने
Continue readingलॉर्ड कॉर्नवालिस के सुधार (Lord Cornwallis, 1786–1793)
फरवरी 1785 में हेस्टिंस इंग्लैंड वापस चला गया और 1786 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने लॉर्ड कॉर्नवालिस को ब्रिटिश भारत
Continue readingवारेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings, 1772-1785)
क्लाइव के 1767 में इंग्लैंड वापस चला गया और 1772 में एक अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ वारेन हेस्टिंग्स फोर्ट विलियम प्रेसीडेंसी (बंगाल)
Continue readingबाबर के आक्रमण के समय भारत की राजनैतिक दशा (Political Condition of India at the Time of Babur’s Invasion)
बाबर के आक्रमण के समय भारतवर्ष की लगभग वही दशा थी जो 11वीं शताब्दी में तुर्क आक्रमणकारियों के समय थी।
Continue readingमहाराजा रणजीतसिंह (Maharaja Ranjit Singh)
महाराजा रणजीतसिंह उत्तर पश्चिम भारत के पंजाब में बिखरे 11 सिख राज्यों को न केवल एकजुट किया, बल्कि एक आधुनिक
Continue readingनादिरशाह का आक्रमण (Nadir Shah’s Invasion)
अठारहवीं सदी में जिस समय परवर्ती मुगलों की अयोग्यता तथा अमीरों की स्वार्थपरता के कारण मुगल साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो रहा
Continue reading1858 का भारतीय प्रशासन-सुधार अधिनियम (Indian Administration-Reform Act of 1858)
ब्रिटिश उपनिवेशवाद का अंतिम चरण (1858-1947) भारत के संवैधानिक विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण चरण है। इस चरण में ब्रिटिश पूँजीपतियों
Continue reading1892 का भारतीय परिषद् अधिनियम (Indian Council Act of 1892)
1861 ई. के बाद भारतीयों में राजनीतिक चेतना तथा राष्ट्रीयता का तेजी से विकास हुआ, जिसके फलस्वरूप 1885 ई. में
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