राजेंद्र द्वितीय की मृत्यु के बाद उसका अनुज वीरराजेंद्र 1063 ई. के लगभग चोल राजपीठ पर आसीन हुआ। यद्यपि राजेंद्र
Continue readingAuthor: Dr. Jai Prakash
राजाधिराज प्रथम (Rajadhiraja I, 1044-1054 AD)
राजाधिराज प्रथम राजेंद्रचोल प्रथम की मृत्यु के बाद उसका पुत्र राजाधिराज राजकेशरी 1044 ई. में चोल राजगद्दी पर बैठा। किंतु
Continue readingराजेंद्र प्रथम (Rajendra Chola I, 1014-1044 AD)
राजराज की मृत्यु के बाद उसकी कोडुंबलुर की राजकुमारी थिरिपुवना (त्रिभुवन) महादेवी से उत्पन्न पुत्र राजेंद्र प्रथम 1014 ई. में
Continue readingराजराज प्रथम (Rajaraja I, 985-1014 AD)
चोल राजवंश की महत्ता का वास्तविक संस्थापक परांतक द्वितीय (सुंदर चोल) की वानवन महादेवी से उत्पन्न पुत्र राजकेशरी अरुमोलिवर्मन (अरुलमोझिवर्मन)
Continue readingपरांतक प्रथम (Parantaka I, 907- 955 AD)
आदित्य प्रथम की मृत्यु के अनंतर 907 ई. में इसका पुत्र परांतक प्रथम चोल राजसिंहासन का उत्तराधिकारी हुआ, जिसने 955
Continue readingसंगम युग में चोल राजवंश (Chola Dynasty in Sangam Age)
सुदूर दक्षिण भारत के तमिल प्रदेश में प्राचीनकाल में जिन राजवंशों का उत्कर्ष हुआ, उनमें चोलों का विशिष्ट स्थान है।
Continue readingपल्लव राजवंश का राजनीतिक इतिहास (Political History of Pallava Dynasty)
आंध्र-सातवाहनों के पतन के बाद दक्षिण में उदित होने वाले राजवंशों में पल्लवों का विशिष्ट स्थान है, जिन्होंने कृष्णा और
Continue readingअमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम (America’s War of Independence)
अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम, जिसे ‘अमेरिकी क्रांति’ भी कहा जाता है, यूरोपीय उपनिवेशवाद के इतिहास की एक क्रांतिकारी घटना है।
Continue readingजर्मनी में नाजीवाद और एडोल्फ हिटलर (Nazism and Adolf Hitler in Germany)
बीसवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में जर्मनी एक ताकतवर साम्राज्य था। उसने आस्ट्रियाई साम्राज्य के साथ मिलकर मित्रराष्ट्रों (इंग्लैंड, फ्रांस
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