गांधीजी के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर चलाया गया दूसरा महत्त्वपूर्ण आंदोलन नागरिक (सविनय) अवज्ञा आंदोलन था, जिसे ‘नमक सत्याग्रह’ के
कांग्रेस समाजवादी पार्टी (Congress Socialist Party)
भारत में कांग्रेस के समाजवादी विचारधारा सर्वप्रमुख प्रेरणा प्रतीक जवाहरलाल नेहरू तथा सुभाषचंद्र बोस थे। जवाहरलाल नेहरू ने 1927 में
अशोक महान् का मूल्यांकन (Evaluation of Asoka the Great)
अशोक भारतीय इतिहास का ही नहीं, विश्व इतिहास के महानतम् शासकों में एक है। एक विजिगिषु शासक, महान् विजेता एवं
संगम युग : राजनीतिक, समाजार्थिक एवं सांस्कृतिक जीवन (Sangam Age : Political, Socio-economical and Cultural Life)
सुदूर दक्षिण में भारतीय प्रायद्वीप त्रिभुजाकार रूप में कन्याकुमारी तक विस्तृत है जिसे ‘तमिलकम्’ प्रदेश कहा जाता था। दक्षिण भारत
अशोक के उत्तराधिकारी और मौर्य साम्राज्य का पतन (The Successors of Asoka and the Fall of the Maurya Empire)
अशोक के बाद ही मौर्य साम्राज्य का पतन आरंभ हो गया और लगभग पचास वर्ष के अंदर इस साम्राज्य का
अशोक का प्रशासन (Asoka’s Administration)
अशोक के शासन-संगठन का प्रारूप लगभग वही था, जो चंद्रगुप्त मौर्य के समय में था। किंतु धम्मप्रिय अशोक ने कलिंग-विजय
मौर्य सम्राट अशोक महान् (Mauryan Emperor Asoka the Great)
अशोक महान् की गणना प्राचीन विश्व के महानतम् शासकों में की जाती है। उसके समय में मौर्य साम्राज्य उत्तर में
चंद्रगुप्त मौर्य की शासन-व्यवस्था (Chandragupta Maurya’s Administration)
चंद्रगुप्त मौर्य महान् विजेता और साम्राज्य-निर्माता ही नहीं, अपितु योग्य प्रशासक भी था। उसने अपने मंत्री कौटिल्य की सहायता से
मौर्य सम्राट बिंदुसार (Mauryan Emperor Bindusara, BC 298- BC 273)
चंद्रगुप्त की मृत्यु के पश्चात् उसका पुत्र बिंदुसार ई.पू. 298 में मगध का शासक हुआ। मौर्य राजवंश के इस द्वितीय