मानव सभ्यता के इतिहास में पाषाणकाल के अनंतर क्रमशः ताम्रकाल एवं कांस्यकाल का आगमन हुआ। पाषाणकाल की सभ्यताएँ अरण्यों, कंदराओं,
पं. दीनदयाल उपाध्याय: एक परिचय (Pt. Deendayal Upadhyay: An Introduction)
भारत की आजादी से पहले और आजादी के बाद कई ऐसे महापुरुष हुए, जिन्होंने अपने बल पर राष्ट्र और समाज
जेजाकभुक्ति (बुंदेलखंड) के चंदेल (Chandelas of Jejakabhukti)
प्रतिहार साम्राज्य के पतन के पश्चात् बुंदेलखंड के भूभाग पर चंदेल वंश के स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई। अभिलेखों में
परमार राजवंश (Parmar Dynasty)
परमार वंश ने 9वीं से 14वीं शताब्दी के बीच पश्चिम-मध्य भारत में मालवा, उज्जैन, आबू पर्वत और सिंधु के आसपास
गुजरात का चौलुक्य अथवा सोलंकी राजवंश (Chaulukya of Gujarat or Solanki Dynasty)
हर्ष की मृत्यु के उपरांत प्रतिहारों ने संपूर्ण उत्तर भारत में एकछत्र साम्राज्य स्थापित किया। किंतु विजयपाल (960 ई.) के
कैबिनेट मिशन योजना (Cabinet Mission Plan, 1946)
1940 से लेकर 1946 में कैबिनेट मिशन के आगमन तक जिन्ना या मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान की माँग को कभी
फ्रांस की पुरातन व्यवस्था (Ancien Regime or Old Regime of France)
परिवर्तन की गति अबाध होती है जो स्वतः धीरे-धीरे होता रहता है, जब उसमें व्यवधान पड़ता है तो समाज में
फ्रांस: 1715 से 1789 ई. की क्रांति तक (France: From 1715 to the Revolution of 1789 AD)
मध्ययुगीन यूरोप के अधिकांश देशों में सामंतीय व्यवस्था विद्यमान थी। फ्रांस भी इन्हीं देशों में से एक था। आधुनिक युग
बहमनी साम्राज्य (Bahmani Kingdom)
नर्मदा नदी के दक्षिण में भारत के प्रायद्वीप को दक्कन क्षेत्र कहा जाता है। इसमें महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश, आंध्र