जैन चतुर्विध-संघ : श्वेताम्बर और दिगम्बर (Jain Chaturvidha Sangh: Svetambara and Digambara)

अनुशासित समूह को ‘संघ’ कहते है। संघ के कुछ नियमोपनियम तथा मर्यादाएँ निर्धारित होती हैं जिनका परिपालन संघ के प्रत्येक

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अकबर का राष्ट्रीय सम्राट के रूप में मूल्यांकन (Akbar’s Assessment as a National Emperor)

अकबर विश्व के महान सम्राटों में से एक है। उसकी दूरदर्शिता तथा विवेकपूर्ण नीतियों की सभी इतिहासकारों ने मुक्त कंठ

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