वल्लभी के मैत्रक (Vallabhi’s Maitrak)
वल्लभी के मैत्रक गुप्त राजवंश के अवनति काल में उत्तर भारतीय राजनीति में रिक्तता के साथ-साथ अस्थिरता एवं अराजकता का वातावरण भी उत्पन्न…
वल्लभी के मैत्रक गुप्त राजवंश के अवनति काल में उत्तर भारतीय राजनीति में रिक्तता के साथ-साथ अस्थिरता एवं अराजकता का वातावरण भी उत्पन्न…
भारत में हूण सत्ता का उत्थान-पतन हूण मध्य एशिया की एक खानाबदोश (यायावर) बर्बर जाति थी। हूण जाति ने 165 ई.पू. में चीन…
गुप्त युग का मूल्यांकन गुप्त युग भारतीय इतिहास के ऐसे युग का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें सभ्यता और संस्कृति के प्रत्येक क्षेत्र में…
गुप्तकालीन साहित्यिक प्रगति साहित्यिक विकास की दृष्टि से गुप्तकाल बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस समय संस्कृत को आधिकारिक भाषा स्वीकार कर लिया गया…
गुप्तकालीन कला और स्थापत्य कला, अभीष्ट दिव्यता की प्राप्ति का और उसके साथ एकाकार हो जाने का पवित्रतम् साधन है। कलाओं ने धर्म…
गुप्तकालीन धर्म गुप्तकाल को प्रायः ब्राह्मण धर्म के पुनरुत्थान का चरमोत्कर्ष माना जाता है। गुप्त सम्राटों में कुछ वैष्णव, कुछ शैव और कुछ…
गुप्तकालीन सामाजिक जीवन गुप्तकालीन भारतीय समाज परंपरागत चार वर्णों- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र में विभाजित था। पहले की तरह ब्राह्मणों को इस…
गुप्तकालीन प्रशासन और आर्थिक जीवन गुप्तकाल में भारत ने राजनैतिक, सामाजिक एवं भौतिक उन्नति के चरमोत्कर्ष का साक्षात्कार किया। अपने उत्कर्ष-काल में यह…
परवर्ती गुप्त सम्राट स्कंदगुप्त की मृत्यु के बाद गुप्त राजवंश का सूरज अस्ताचल की ओर गतिमान हुआ। यद्यपि स्कंदगुप्त के पश्चात् गुप्त शासकों…