
परमार वंश ने 9वीं से 14वीं शताब्दी के बीच पश्चिम-मध्य भारत में मालवा, उज्जैन, आबू पर्वत और सिंधु के आसपास के क्षेत्रों पर शासन किया। …
परमार वंश ने 9वीं से 14वीं शताब्दी के बीच पश्चिम-मध्य भारत में मालवा, उज्जैन, आबू पर्वत और सिंधु के आसपास के क्षेत्रों पर शासन किया। …
हर्ष की मृत्यु के उपरांत प्रतिहारों ने संपूर्ण उत्तर भारत में एकछत्र साम्राज्य स्थापित किया। किंतु विजयपाल (960 ई.) के समय तक आते-आते विशाल प्रतिहार …
वेंगी का पूर्वी चालुक्य राज्य मुख्यतः कृष्णा एवं गोदावरी नदियों के बीच के क्षेत्र में विस्तृत था। इसकी राजधानी वेंगी (वेंगिपुर) में थी, जिसका समीकरण …
प्रतिहार साम्राज्य के पतन के पश्चात् कन्नौज तथा वाराणसी में जिस नवीन राजवंश की स्थापना हुई, वह गाहड़वाल वंश था। गाहड़वाल राजवंश ने 11वीं और …
1871 ई. के पेरिस कम्यून के पश्चात् से पश्चिमी यूरोप में कोई शक्तिशाली जनव्यापी क्रांतिकारी विस्फोट नहीं हुए थे, किंतु रूस में इसके विपरीत मजदूरों …
10वीं शताब्दी के अंतिम चरण में कल्याणी या कल्याण में भी चालुक्यों की एक शाखा का राजनीतिक उत्कर्ष हुआ। उस समय दक्षिणापथ की राजनैतिक स्थिति …
छठीं शताब्दी ईस्वी के मध्यकाल में संपूर्ण भारतीय प्रायद्वीप में राजनीतिक विकेंद्रीकरण का एक महत्त्वपूर्ण सिलसिला शुरू हुआ। जिस समय उत्तरी भारत में गुप्त-साम्राज्य के …
छठीं शताब्दी ईस्वी के मध्यकाल में संपूर्ण भारतीय प्रायद्वीप में राजनीतिक विकेंद्रीकरण का एक महत्त्वपूर्ण सिलसिला शुरू हुआ। जिस समय उत्तरी भारत में गुप्त-साम्राज्य के …