उत्तर-गुप्तों की भाँति मौखरि भी सम्राट गुप्तवंश के सामंत थे और गुप्तों के पतन के बाद उन्होंने अपनी स्वतंत्रता की
Category: प्राचीन इतिहास
उत्तरगुप्त राजवंश (कृष्णगुप्त राजवंश) (Post-Gupta Dynasty, Krishnagupta Dynasty)
सम्राट गुप्तवंश के अवनति काल में उनके अधीन उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में शासन करनेवाले अनेक स्थानीय राजवंश गुप्तों
मालवा का औलिकार वंश और यशोधर्मन् (Aulikar Dynasty of Malwa and Yashodharman)
पाँचवीं शताब्दी के मध्य में मालवा पर औलिकार राजवंश के लोग गुप्त साम्राज्य के सामंत के रूप में शासन कर
वल्लभी के मैत्रक (Vallabhi’s Maitrak)
गुप्त राजवंश के अवनति काल में उत्तर भारतीय राजनीति में रिक्तता के साथ-साथ अस्थिरता एवं अराजकता का वातावरण भी उत्पन्न
भारत में हूण सत्ता का उत्थान-पतन (Rise and Fall of Huna Power in India)
हूण मध्य एशिया की एक खानाबदोश (यायावर) बर्बर जाति थी। हूण जाति ने 165 ई.पू. में चीन की पश्चिमी सीमा
गुप्त युग का मूल्यांकन (Evaluation of Gupta Age)
गुप्त युग भारतीय इतिहास के ऐसे युग का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें सभ्यता और संस्कृति के प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व
गुप्तकालीन साहित्यिक एवं वैज्ञानिक प्रगति (Literary and Scientific Progress in Gupta Period)
साहित्यिक विकास की दृष्टि से गुप्तकाल बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस समय संस्कृत को आधिकारिक भाषा स्वीकार कर लिया गया
गुप्तकालीन कला और स्थापत्य (Art and Architecture in Gupta Period)
कला, अभीष्ट दिव्यता की प्राप्ति का और उसके साथ एकाकार हो जाने का पवित्रतम् साधन है। कलाओं ने धर्म की
गुप्तकालीन धर्म और धार्मिक जीवन (Religion and Religious Life in Gupta Period)
गुप्तकाल को प्रायः ब्राह्मण धर्म के पुनरुत्थान का चरमोत्कर्ष माना जाता है। गुप्त सम्राटों में कुछ वैष्णव, कुछ शैव और