सैयद बंधु और परवर्ती मुगल बादशाह (Sayyid Brothers and Later Mughal Emperors)

सैयद बंधु और परवर्ती मुगल बादशाह (Sayyid Brothers and Later Mughal Emperors)

सैयद बंधु ‘सैयद बंधु’ से आशय अब्दुल्ला खाँ और सैयद हुसैनअली खाँ बारहा नामक दो भाइयों से है, जो 18वीं शताब्दी के आरंभ में मुगल …

बहादुरशाह प्रथम (Bahadur Shah I, 1709-1712 AD)

बहादुरशाह प्रथम (Bahadur Shah I, 1709-1712)

बहादुरशाह प्रथम दिल्ली का सातवाँ मुगल बादशाह था, जिसका मूलनाम ‘कुतुब-उद्-दीन मुहम्मद मुअज्जम’ था। उसका पूरा नाम ‘अबुल-नस्र सैय्यद कुतुब-उद-दीन मुहम्मद शाहआलम बहादुरशाह बादशाह’ था। …

जैन दर्शन में बंधन और मोक्ष (Bondage and Moksha in Jain Philosophy)

जैन दर्शन में बंधन और मोक्ष (Bondage and Moksha in Jain Philosophy)

प्रायः सभी भारतीय दर्शनों में बंधन का अर्थ निरंतर जन्म ग्रहण करना तथा सांसारिक दुःखों को भोगना है। बंधन संसार है तथा मोक्ष निर्वाण है। …

जैन चतुर्विध-संघ : श्वेताम्बर और दिगम्बर (Jain Chaturvidha Sangh: Svetambara and Digambara)

जैन चतुर्विध-संघ : श्वेताम्बर और दिगम्बर (Jain Chaturvidha Sangh: Svetambara and Digambara)

अनुशासित समूह को ‘संघ’ कहते है। संघ के कुछ नियमोपनियम तथा मर्यादाएँ निर्धारित होती हैं जिनका परिपालन संघ के प्रत्येक सदस्य के लिए अनिवार्य होता …

जैन तीर्थंकरों का ऐतिहासिक अस्तित्व (Historical Existence of Jain Tirthankaras)

जैन तीर्थंकरों का ऐतिहासिक अस्तित्व (Historical Existence of Jain Tirthankaras)

जैन धर्म भारत की श्रमण परंपरा से निकला धर्म और दर्शन है। श्रमणों में कदाचित् प्राचीनतम् संप्रदाय निगंठों अथवा जैनों का था। जैन शब्द ‘जिन्’ …

जैन न्याय शास्त्र  का विकास (Development of Jain Jurisprudence)

जैन न्याय शास्त्र  का विकास (Development of Jain Jurisprudence)

धर्म, दर्शन और न्याय-इन तीनों के सुमेल से ही व्यक्ति के आध्यात्मिक उन्नयन का भव्य प्रासाद खड़ा होता है। आचार का नाम धर्म है और …

अकबर का राष्ट्रीय सम्राट के रूप में मूल्यांकन (Akbar’s Assessment as a National Emperor)

अकबर विश्व के महान सम्राटों में से एक है। उसकी दूरदर्शिता तथा विवेकपूर्ण नीतियों की सभी इतिहासकारों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। उसके …

यूरोप में आधुनिक युग का आविर्भाव (Emergence of Modern Age in Europe)

यूरोप में आधुनिक युग का आविर्भाव (Emergence of Modern Age in Europe)

इतिहास एक सतत् प्रक्रिया है, घटनाओं और प्रवृत्तियों का क्रमिक विकास है। प्रत्येक युग की अपनी कुछ विशेषताएँ होती हैं और इन विशेषताओं के आधार …

कन्फ्यूशियस और उसकी शिक्षाएँ (Confucius and his Teachings)

कन्फ्यूशियस और उसकी शिक्षाएँ (Confucius and his Teachings)

‘अगर आपको उत्कृष्ट भविष्य का निर्माण करना है, तो अतीत का अध्ययन करें।’- कन्फ्यूशियस छठी शताब्दी ईसापूर्व चीन में ही नहीं, बल्कि विश्व इतिहास में …