कैसे रुसी क्रांति ने दुनिया को बदल दिया

रुसी क्रांति के समय ज़ार निकोलस द्वितीय शासक था, इसके शासन में जनता तानाशाही,भूख, गरीबी और असमानता से जूझ रही थी।

ज़ार निकोलस द्वितीय

गरीबी,किसान-मजदूरों का शोषण, औद्योगिक असंतोष और प्रथम विश्व युद्ध की तबाही

क्रांति का कारण

1905 में जार के खिलाफ सबसे पहला विद्रोह शुरू हुवा था जिसको "ब्लडी संडे" कहा जाता है.  हालाँकि, इस क्रांति के बाद ज़ार ने कुछ रियायतें दीं, लेकिन समस्याएँ बनी रहीं।

1905 की क्रांति (भूमिका) 

प्रथम विश्व युद्ध में रूस ने भाग लिया, लेकिन हथियारों की कमी, लाखों सैनिकों की मौत और आर्थिक संकट से हालात और बिगड़ गए। जो क्रांति का एक कारण बनी. 

प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव

इस क्रांति में किसानों और मजदूरों ने बगावत की शुरुवात की, जिसके कारण जार को गद्दी छोडनी पड़ी थी और एक अस्थाई सरकार बनी थी.  

फरवरी की क्रांति (मार्च 1917)

अलेक्जेंडर केरेंस्की ने अपनी अस्थाई सरकार बनाई, लेकिन वो भी जनता की मांगों को पूरा नहीं कर सके, और रूस को "युद्ध से बाहर निकलने"में असमर्थ रहे 

अस्थायी सरकार की असफलता

व्लादिमीर लेनिन और और अन्य लोगो ने  बोल्शेविक पार्टी का गठन किया  इन्होंने "शांति, रोटी और ज़मीन" का नारा दिया और अपनी बात जनता के सामने रखी. 

बोल्शेविक पार्टी का उदय

1917 में अक्टूबर क्रांति होती है और बोल्शेविकों तख्त पलट कर देती है. फिर लेनिन सत्ता में आते है और अस्थायी सरकार को हटा दिया जाता है. 

अक्टूबर क्रांति (नवंबर 1917)

कब्ज़ा की गयी ज़मीन को किसानों में बटा जाता है, उद्योगों पर मजदूरों का नियंत्रण होता है, और फिर रूस दुनिया का पहला समाजवादी देश बन जाता है. 

समाजवाद की शुरुआत

1918 रूस में गृह युद्ध छिड जाता है लेनिन की सेना (रेड आर्मी) और व्हाइट आर्मी (जार समर्थक) के मध्य. इस यद्ध में लेनिन जीत जाते है. 

गृहयुद्ध (1918–1921)

1922 में, यूएसएसआर (U.S.S.R.) सोवियत संघ की स्थापना होती है और पहला समाजवादी राज्य बनता है. 

सोवियत संघ की स्थापना

रूस को देख कर पूरी दुनिया में समाजवाद विचारधारा फैलती है, और श्रमिक वर्ग को आवाज़ मिलती है. 

क्रांति का प्रभाव

रूसी क्रांति से राजशाही का अंत और समाजवाद की शुरुआत होती है, आज भी इसका प्रभाव दुनिया में देखा जा सकता है।