
व्यवहार की दृष्टि से ज्ञान का अर्थ जानना, समझना या परिचित होना होता है। प्रत्येक प्राणी अपने इंद्रियों के द्वारा ज्ञान प्राप्त करता है। अध्यात्म …
व्यवहार की दृष्टि से ज्ञान का अर्थ जानना, समझना या परिचित होना होता है। प्रत्येक प्राणी अपने इंद्रियों के द्वारा ज्ञान प्राप्त करता है। अध्यात्म …
जैन परंपरा में आचार के स्तर पर श्रावक और श्रमण-ये दो श्रेणियाँ हैं। आध्यात्मिक विकास की पूर्णता हेतु श्रावक या गृहस्थधर्म (श्रावकाचार) पूर्वार्ध है और …
326 ई.पू. में जब सिकंदर की सेनाएँ पंजाब के विभिन्न राज्यों में विध्वंसक युद्धों में व्यस्त थीं, उस समय मध्य प्रदेश और बिहार में नंद …
पंद्रहवीं शताब्दी में फ्रांस में निरंकुश राजतंत्र की स्थापना हुई थी, लेकिन सोलहवी शताब्दी में 1559 से 1589 ई. तक फ्रांस में जो धार्मिक गृहयुद्धों …
शाहजहाँ के मुमताज महल से उत्पन्न चौदह संतानों में चार पुत्र और तीन पुत्रियाँ जीवित थीं। उसकी सबसे बड़ी पुत्री जहाँआरा थी। दाराशिकोह शाहजहाँ का …
18वीं सदी में जब मुगल सत्ता क्षीण हो रही थी, अंग्रेजों और फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी में हुए संघर्ष के फलस्वरूप अंग्रेजों का दक्षिण में …
उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जब आधुनिक उद्योग धीरे-धीरे शुरू हो रहा था और रेलवे, पोस्ट आफिस, कोयला खनन, चाय बागान और टेलीग्राफ जैसी सेवाओं …
अभी हाल तक भारतीय इतिहास में अठारहवीं सदी को एक ‘अंधकार युग’ के रूप चित्रित किया जाता रहा था क्योंकि उस समय भारत में अव्यवस्था …