कुलोत्तुंग चोल द्वितीय (Kulottunga Chola II, 1135-1152 AD)

कुलोत्तुंग द्वितीय (Kulottunga II, 1135-1152 AD)

कुलोत्तुंग द्वितीय, कुलोत्तुंग (प्रथम) का पौत्र और विक्रमचोल का पुत्र था, जिसे 1133 ई. में ही युवराज बनाया गया था, क्योंकि उसके अभिलेखों में उसके …

राजेंद्र चोल द्वितीय (Rajendra chola II, 1052-1064 AD)

राजेंद्र द्वितीय (Rajendra II, 1052-1064 AD)

राजेंद्र द्वितीय (1052-1064 ई.) अपने भाई राजाधिराज (1044-1054 ई.) की कोप्पम् के युद्ध में मृत्यु के बाद चोल राजगद्दी पर बैठा। इसे राजेंद्रदेवचोल भी कहा …

विक्रम चोल (Vikram Chola, 1118-1135 AD)

विक्रम चोल (Vikram Chola, 1122-1135 AD)

कुलोत्तुंग प्रथम की मृत्यु के बाद 1122 ई. में विक्रम चोल राजसिंहासन पर बैठा, जिसे पुलिवेंदन कोलियार कुलपति उर्फ राजय्यार विक्रम चोलदेव के नाम से …

परांतक चोल द्वितीय (Parantaka Chola II, 957-985 ई.)

परांतक द्वितीय (Parantaka II, 957-973 AD)

सुंदरचोल अरिंजय की मृत्यु (957 ई.) के बाद अन्विल ताम्रपत्र में उल्लिखित उसकी रानी वैदुम्ब राजकुमारी कल्याणी से उत्पन्न पुत्र परांतक द्वितीय चोल सिंहासन पर …

कुलोत्तुंग चोल प्रथम (Kulottunga Chola I, 1070-1122 AD)

कुलोत्तुंग प्रथम (Kulottunga I, 1070-1122 AD)

कुलोत्तुग (कुलोथुंग) प्रथम के सिंहासनारोहण से चोल इतिहास में एक नये युग का सूत्रपात हुआ। कलिंगत्तुप्परणि में कहा गया है कि वीरराजेंद्र ने कुलोत्तुंग को …

वीरराजेंद्र चोल (Virarajendra Chola, 1063-1070 AD)

वीरराजेंद्र चोल (Virarajendra Chola, 1063-1070 AD)

राजेंद्र द्वितीय की मृत्यु के बाद उसका अनुज वीरराजेंद्र 1063 ई. के लगभग चोल राजपीठ पर आसीन हुआ। यद्यपि राजेंद्र द्वितीय ने अपने जीवनकाल में …

राजाधिराज चोल प्रथम (Rajadhiraja Chola I, 1044-1054 AD)

राजाधिराज प्रथम (Rajadhiraja I, 1044-1054 AD)

राजाधिराज प्रथम राजेंद्रचोल प्रथम की मृत्यु के बाद उसका पुत्र राजाधिराज राजकेशरी 1044 ई. में चोल राजगद्दी पर बैठा। किंतु राजाधिराज को 1018 ई. में …

राजेंद्र चोल प्रथम (Rajendra Chola I, 1014-1044 AD)

राजेंद्र प्रथम (Rajendra Chola I, 1014-1044 AD)

राजराज की मृत्यु के बाद उसकी कोडुंबलुर की राजकुमारी थिरिपुवना (त्रिभुवन) महादेवी से उत्पन्न पुत्र राजेंद्र प्रथम 1014 ई. में औपचारिक रूप से चोल सिंहासन …

राजराज चोल प्रथम (Rajaraja Chola I, 985-1015 AD)

राजराज प्रथम (Rajaraja I, 985-1014 AD)

चोल राजवंश की महत्ता का वास्तविक संस्थापक परांतक द्वितीय (सुंदर चोल) की वानवन महादेवी से उत्पन्न पुत्र राजकेशरी अरुमोलिवर्मन (अरुलमोझिवर्मन) था, जो 985 ई. के …