उन्नीसवीं सदी में भारतीय पुनर्जागरण (Indian Renaissance in the Nineteenth Century)
अठारहवीं शताब्दी में यूरोप में एक नवीन बौद्धिक लहर चली, जिसके फलस्वरूप जागृति के एक नये युग का सूत्रपात हुआ। तर्कवाद, अन्वेषणा की भावना, विज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण यूरोपीय सभ्यता सामाजिक और सांस्कृतिक रूप में अधिक उन्नत और प्रगतिशील हो चुकी थी। उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में जब कंपनी प्रशासन ने अपने औद्योगिक … Read more