अशोक के प्रशासनिक सुधार (Ashoka’s Administrative Reforms)
अशोक के शासन-संगठन का प्रारूप लगभग वही था, जो चंद्रगुप्त मौर्य के समय में था। किंतु धम्मप्रिय अशोक ने कलिंग-विजय के बाद अपने…
अशोक के शासन-संगठन का प्रारूप लगभग वही था, जो चंद्रगुप्त मौर्य के समय में था। किंतु धम्मप्रिय अशोक ने कलिंग-विजय के बाद अपने…
अशोक महान् की गणना प्राचीन विश्व के महानतम् शासकों में की जाती है। उसके समय में मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिंदुकुश की श्रेणियों…
चंद्रगुप्त मौर्य के प्रशासन की जानकारी के लिए कौटिल्य का अर्थशास्त्र, मेगस्थनीज की इंडिका के अवशिष्ट अंश तथा अशोक के अभिलेख महत्त्वपूर्ण स्रोत…
चंद्रगुप्त की मृत्यु के पश्चात् उसका पुत्र बिंदुसार ई.पू. 298 में मगध का शासक हुआ। मौर्य राजवंश के इस द्वितीय शासक को ब्राह्मण…
जिस समय मगध के नेतृत्व में पूर्वी भारत में एकीकरण की प्रक्रिया चल रही थी, लगभग उसी समय पश्चिमोत्तर भारत में विकेंद्रीकरण और…
आरंभिक जीवन चंद्रगुप्त मौर्य के वंश के समान उसके आरंभिक जीवन के पुनर्गठन का भी आधार किंवदंतियाँ एवं परंपराएँ ही अधिक हैं, और…
विश्व, जगत् अथवा संसार के लिए जैन परंपरा में सामान्यरूप से लोक शब्द का व्यवहार हुआ है। जैन साहित्य में लोक का दो…
व्यवहार की दृष्टि से ज्ञान का अर्थ जानना, समझना या परिचित होना होता है। प्रत्येक प्राणी अपने इंद्रियों के द्वारा ज्ञान प्राप्त करता…
जैन परंपरा में आचार के स्तर पर श्रावक और श्रमण-ये दो श्रेणियाँ हैं। आध्यात्मिक विकास की पूर्णता हेतु श्रावक या गृहस्थधर्म (श्रावकाचार) पूर्वार्ध…